UPMC Ranking Award: उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निगमों के कार्यों का मूल्यांकन करने के लिए पहली बार एक रैंकिंग प्रणाली की शुरुआत की है। इस नई व्यवस्था के तहत सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले नगर निगम को दस करोड़ रुपये का पुरस्कार मिलेगा। शासन ने छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों के आधार पर 30 मानक निर्धारित किए हैं, जिनके आधार पर नगर निगमों की रैंकिंग की जाएगी। ये मानक स्वच्छता, नागरिक सुरक्षा, जीवन गुणवत्ता, पर्यावरण, आत्मनिर्भरता और सुशासन से संबंधित हैं।
नई UPMC Ranking Award प्रणाली के तहत प्रत्येक नगर निगम को विभिन्न पहलुओं पर अंक मिलेंगे। इन पहलुओं में शामिल हैं—शहरवासियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना, कूड़ा उठान की व्यवस्था, सफाई, जल आपूर्ति, पार्क और हरियाली की स्थिति, और प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक। इसके अलावा, निगमों की कार्यशैली में सुधार के लिए इन पहलुओं पर भी अंक दिए जाएंगे: नाइट शेल्टर, कचरे का निस्तारण, सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध, और सीवर कनेक्शन की स्थिति।
UPMC Ranking Award में कुल 30 मानकों के आधार पर अंक दिए जाएंगे। इन मानकों में सबसे महत्वपूर्ण हैं: स्वच्छता, आत्मनिर्भरता, जीवन की गुणवत्ता, सतत पर्यावरण, सुशासन, और नागरिक सुरक्षा। स्वच्छता पर 24%, आत्मनिर्भरता पर 25%, जीवन की गुणवत्ता पर 18%, पर्यावरण और सुशासन पर 12%, और नागरिक सुरक्षा पर 9% अंक निर्धारित किए गए हैं।
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यह UPMC Ranking Award प्रणाली उत्तर प्रदेश के नगर निगमों को बेहतर बनाने और उन्हें जिम्मेदार बनाने में मदद करेगी। इसकी शुरुआत से राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा। रैंकिंग का उद्देश्य केवल नगर निगमों की कार्यशैली का मूल्यांकन करना नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाना भी है।
मई और जून 2025 में नगर निगमों द्वारा भेजे गए डाटा का सत्यापन किया जाएगा और रैंकिंग परिणाम जुलाई-अगस्त 2025 में घोषित किए जाएंगे। यह पहल राज्य सरकार के ‘ट्रिलियन डॉलर’ अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।