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Wednesday, September 3, 2025
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संजय निषाद का बयान और ओपी राजभर की सफाई: यूपी में एनडीए के भीतर बढ़ती खटास

UP politics news: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों एनडीए के भीतर तनातनी खुलकर सामने आ रही है। बीजेपी के सहयोगी दलों में असंतोष लगातार गहराता जा रहा है। इसकी शुरुआत तब हुई जब निषाद पार्टी के अध्यक्ष और मंत्री संजय निषाद ने गोरखपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान “गठबंधन तोड़ दें” का बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के कुछ नेता उनकी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं और निषाद समुदाय की आरक्षण मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। संजय निषाद का यह बयान उस समय आया जब लखनऊ में उनकी पार्टी द्वारा लगाए गए बड़े-बड़े पोस्टरों ने सियासी हलचल और तेज कर दी थी।

25 अक्टूबर 2024 को निषाद पार्टी ने लखनऊ में बीजेपी प्रदेश मुख्यालय, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के आवास और राजभवन के बाहर होर्डिंग्स लगाए थे, जिनमें संजय निषाद को “सत्ताईस का खेवनहार” बताया गया। इन पोस्टरों में पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, अमित शाह और राजनाथ सिंह की तस्वीरें भी शामिल थीं। राजनीतिक विश्लेषक इसे बीजेपी पर दबाव बनाने की रणनीति मान रहे हैं। दरअसल, हाल के उपचुनावों में निषाद पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली, जिससे पार्टी के भीतर नाराजगी बढ़ी है।

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गोरखपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संजय निषाद ने साफ कहा था कि अगर बीजेपी को लगता है कि उनकी पार्टी से कोई फायदा नहीं हो रहा, तो वह गठबंधन तोड़ सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के कुछ छुटभैया नेता उनकी पार्टी को कमजोर करने और उनके खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं। साथ ही, उन्होंने बीजेपी को चेतावनी दी कि अगर निषाद समुदाय को अनुसूचित जाति (SC) का दर्जा नहीं दिया गया, तो 2027 विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

इस बीच, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है और संजय निषाद का बयान बीजेपी के खिलाफ नहीं था, बल्कि उनकी बिरादरी के कुछ नेताओं से जुड़ी नाराजगी थी।

हालांकि, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि संजय निषाद, ओपी राजभर और अन्य छोटे दलों की नाराजगी बीजेपी के लिए भविष्य में सिरदर्द बन सकती है। आने वाले दिनों में बीजेपी पर दबाव और बढ़ सकता है, क्योंकि सहयोगी दल 2027 के चुनाव से पहले अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं।

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