UP road accident: उत्तर प्रदेश सरकार सड़क हादसों में मृतकों और घायलों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने जा रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने परिवहन विभाग से प्रस्ताव प्राप्त कर इसे लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। वर्तमान में घायलों को केवल साढ़े बारह हजार रुपये और मृतक आश्रितों को पचास हजार रुपये का मुआवजा मिलता है, लेकिन प्रस्ताव के अनुसार यह राशि पांच गुना बढ़ाई जाएगी। घायलों को अब 50 हजार रुपये और मृतक के परिजनों को ढाई लाख रुपये तक मुआवजा मिलेगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मृतक के सभी आश्रितों को मुआवजा का हिस्सा बराबर मिले।
परिवहन विभाग UP ने “सांत्वना योजना” के तहत यह बदलाव प्रस्तावित किया है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि योजना के तहत घायलों और मृतक के परिजनों को अब तक से कहीं अधिक आर्थिक सहायता मिलेगी। इसके अलावा, हादसे में घायल और मृतक आश्रित एमएसीटी (मोटर वाहन दावा न्यायाधिकरण) से पांच से साढ़े सात लाख रुपये तक अलग से मुआवजा प्राप्त कर सकेंगे। इस राशि को सरकार की सांत्वना राशि में शामिल नहीं किया जाएगा, जिससे कुल आर्थिक मदद लगभग साढ़े नौ लाख रुपये तक पहुंच जाएगी।
साथ ही, जिस वाहन से हादसा हुआ होगा, उसकी बीमा राशि से भी मुआवजा दिया जाएगा। पीड़ित परिवारों को समय पर राहत पहुंचाने के लिए नियमों को शिथिल करने पर भी विचार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित और पर्याप्त आर्थिक मदद सुनिश्चित करना है।
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सांख्यिकी आंकड़े बताते हैं कि 1 जनवरी से 31 अगस्त 2025 के बीच प्रदेश में 30717 सड़क हादसे हुए। इन हादसों में 23712 लोग घायल और 16903 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2024 की इसी अवधि में हादसों की संख्या 26502, घायलों की संख्या 19712 और मृतकों की संख्या कम थी। इससे 2025 में हादसों में 18.87%, घायलों में 18.7% और मौतों में 18.89% की वृद्धि हुई है।
सड़क सुरक्षा कानूनों के तहत सख्ती भी बढ़ाई जा रही है। बीएनसी धारा 281 के अनुसार लापरवाही से वाहन चलाने पर 6 महीने की जेल या 1000 रुपये जुर्माना लगाया जाता है। बीएनएस धारा 125 के तहत चोट पहुंचाने पर 6 महीने से 2 साल की सजा और जुर्माना और धारा 106 के तहत लापरवाही से मृत्यु होने पर 2 साल की जेल और जुर्माना की व्यवस्था है।
UP सरकार का उद्देश्य न केवल मुआवजा राशि बढ़ाना है, बल्कि सड़क हादसों की रोकथाम और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है। प्रस्ताव लागू होने के बाद मृतकों और घायलों के परिवारों को पर्याप्त आर्थिक सुरक्षा मिल सकेगी।