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Friday, December 19, 2025
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‘जिस्मानी रिश्ता बनाओ, नहीं तो ट्रांसफर!’ Sultanpur में ‘दरिंदा’ डॉक्टर, फोन पर की अश्लील बातें, ऑडियो रिकॉर्डिंग हुई वायरल!

Sultanpur News: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कादीपुर सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार सिंह पर एक दिव्यांग महिला स्टाफ नर्स ने गंभीर आरोप लगाए हैं। नर्स ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने उन्हें फोन पर अश्लील बातें कीं और शारीरिक संबंध बनाने के लिए ब्लैकमेल किया। मना करने पर उन्हें नौकरी से ट्रांसफर करने की धमकी दी गई।

यह मामला तब सामने आया जब पीड़िता, जो लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र की रहने वाली है, ने अपनी आपबीती सुनाई। शिकायत के अनुसार, बीते 4 अक्टूबर को डॉ. अनिल सिंह ने उन्हें फोन किया। नर्स का आरोप है कि बातचीत के दौरान डॉक्टर ने उनसे कहा, “मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाओ या किसी लड़की का इंतजाम करो नहीं तो तुम्हारा ट्रांसफर ही कर दूंगा।” जब नर्स ने इनकार किया, तो डॉक्टर ने दबाव बनाते हुए कहा कि “मेरे साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना है तो बनाना है, नहीं तो मुझे जबरदस्ती करना भी आता है।” पीड़िता ने यह भी बताया कि डॉक्टर ने पहले भी अस्पताल में उसके साथ अभद्र व्यवहार किया था।

नर्स ने स्पष्ट कहा कि वह ऐसी मानसिकता वाले लोगों के साथ काम करने में असमर्थ है और डॉ. अनिल सिंह लगातार उन्हें ट्रांसफर लेटर की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहे हैं। पीड़िता ने यह भी दावा किया है कि इस ब्लैकमेलिंग की फोन रिकॉर्डिंग उसके पास मौजूद है, जो उसने अधिकारियों को सौंप दी है।

पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस अधीक्षक (एसपी) कुंवर अनुपम सिंह ने त्वरित संज्ञान लिया। खबर प्रकाशित होने के बाद एसपी ने पीड़िता को बुलवाकर उसकी शिकायत सुनी और लंभुआ कोतवाली में डॉ. अनिल सिंह के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया। लंभुआ कोतवाली के प्रभारी संदीप राय ने बताया कि एसपी के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

Sultanpur स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले पर कार्रवाई की है। सीएमओ ने बताया कि 24 अक्टूबर को ही एसीएमओ समेत चार अधिकारियों की एक जांच कमेटी गठित की गई थी। स्टाफ नर्स ने उसी दिन आकर अपना बयान दर्ज कराया। जांच कमेटी ने डॉ. अनिल सिंह को भी अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। उन्हें रिमाइंडर भेजा गया।

डॉक्टर द्वारा एक दिव्यांग महिला कर्मचारी को नौकरी से हटाने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने का यह मामला कार्यस्थल पर उत्पीड़न और महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अधिकारियों ने पीड़िता को न्याय दिलाने और दोषी डॉक्टर के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

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