UP Vidhansabha Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे के साथ शुरू होने की पूरी संभावना है। पहले दिन की तरह आज भी विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक होने की आशंका है। सोमवार से चल रहे इस सत्र में समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के बीच बहस और विवाद के कारण कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही है। इस बार भी विपक्ष कई संवेदनशील मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है, जिससे सदन में तनाव का माहौल बन सकता है।
पहले दिन UP Vidhansabha के हंगामे की शुरुआत तब हुई जब सपा ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के साथ गोरखपुर में कथित दुर्व्यवहार का मामला उठाया। सपा विधायकों ने इस मुद्दे पर जांच की मांग की, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे राजनीतिक रंग देते हुए कहा कि गोरखपुर में सपा का विरोध व्यापारियों ने किया था, भाजपा कार्यकर्ताओं ने नहीं। इस बयान के बाद सपा विधायकों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे सदन की कार्यवाही करीब 43 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
आज के UP Vidhansabha सत्र में विपक्ष के मुख्य मुद्दे किसान और उनकी समस्याएं, बिजली निजीकरण, कानून-व्यवस्था और जातिगत जनगणना होंगे। सपा विधायक अतुल प्रधान आज गन्ना लेकर विधानसभा पहुंचने की संभावना है, जो पिछले सत्र में भी चर्चा का विषय था। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सपा सरकार पर दबाव बनाएगी। बिजली के निजीकरण के खिलाफ भी विपक्ष ने पहले ही जोरदार विरोध जताया है, और इस विषय पर आज भी कड़ी बहस होने की उम्मीद है। इसके अलावा, हाल ही में हुई संभल हिंसा को लेकर विपक्ष सरकार से जवाब मांग सकता है। जातिगत जनगणना, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे भी सत्र में चर्चा के केंद्र में रहेंगे।
विपक्ष के आक्रामक रुख और सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया के कारण सदन में तनाव जारी रहने की संभावना है। सपा के कुछ विधायक विरोध जताने के लिए अस्थि कलश और बेड़ियों जैसे प्रतीकात्मक प्रदर्शन कर सकते हैं, जिससे सदन का माहौल और भी गरम होगा। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही विपक्ष पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगा चुके हैं, जिससे बहस और तीखी होने की आशंका है।
आज UP Vidhansabha में छह महत्वपूर्ण अध्यादेश भी पेश किए जाएंगे, जिनमें बांके बिहारी मंदिर न्यास, निजी विश्वविद्यालय संशोधन और माल व सेवा कर संशोधन शामिल हैं। हालांकि हंगामे के कारण इन अध्यादेशों पर सार्थक चर्चा हो पाना मुश्किल हो सकता है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी सदस्यों से संसदीय मर्यादा का पालन करते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है।
कुल मिलाकर, यूपी विधानमंडल का दूसरा दिन भी राजनीतिक विवाद और हंगामे से भरा रहेगा। जनता की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सदन में कोई रचनात्मक चर्चा हो पाएगी या फिर तनाव ही हावी रहेगा।