UP Weather Alert : मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार यूपी में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया। बेमौसम बरसात (Hailstorm in UP) किसानों के लिए आफत बन गई। बुंदेलखंड के तीन जिले इससे प्रभावित हुए, जिसमें करीब 40 फीसद गेहूं, सरसों, चना, मसूर, मटर की फसलों को नुकसान पहुंचने की बात कही जा रही है।
बुंदेलखंड (Bundelkhand) की बात करें तो हमीरपुर, बांदा व जालौन में तेज बारिश के साथ जमकर ओले भी गिरे। उरई समेत कई क्षेत्रों में मंगलवार शाम चार बजे तेज आंधी के साथ अचानक बारिश (Rainfall in many districts of UP) शुरू हो गई और करीब 20 मिनट ओलावृष्टि के साथ आधे घंटे तक तेज बारिश हुई।
जालौन में सबसे ज्यादा फसल बर्बाद हुई
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो आगे मौसम ठीक रहता है तो किसानों को कुछ राहत मिल सकती है। जालौन में सबसे ज्यादा मटर की खेती होती है। यहां करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मटर का उत्पादन होता है। इसमें करीब 60 फीसद मटर को हटाकर किसानों ने गेहूं बो दिया है। गेहूं की हाल ही में बोई गई फसल पर तो यह बरसात और ओले नुकसान साबित नहीं होंगे। लेकिन, जो 40 फीसद अभी भी मटर की फसल खेतों में है, उन पर ओले गिरने से नुकसान पहुंचना बताया जा रहा है।
ओलों व बारिश ने धोए अरमान, किसान परेशान
अभी बीते दिनों नरैनी में हुई ओलावृष्टि का सर्वे भी न हो पाया था कि मंगलवार देर शाम खप्टिहां व बबेरू क्षेत्र में फिर से बारिश व ओलावृष्टि हो गई। इससे कई बीघा फसलों को नुकसान की आशंका है। किसानों के चेहरे भी मुरझा गए हैं। उनका कहना है कि बेमौसम बारिश और ओलों ने उन्हें काफी नुकसान पहुंचाया है।
बबेरू क्षेत्र के लगभग 15 से 20 गांवों जिनमें काजीटोला, कबीरपुर, चैहान डेरा, पिडारन, बाकल समगरा, सीरिया ताला, शमसुद्दीनपुर, औगासी, करहुली, भभुवा, अघाव आदि गांवों में 100-100 ग्राम के ओले गिरने से फसलों को नुकसान हुआ है। पहले ओले गिरे, इसके बाद गरज चमक के साथ बरसात हुई। इससे लाही, चना, गेहूं, मसूर, अलसी सहित तमाम फसलों का नुकसान हुआ है।
कई कच्चे मकानों को भी हुआ नुकसान
खप्टिहां के पैलानी तहसील अंतर्गत क्षेत्र के कुकुवा खास, नरी, पैलानी, पैलानी डेरा, नांदादेव, पडोहरा आदि गांव में देर शाम तेज बारिश के साथ गिरे ओले की वजह से किसान मायूस हैं।
पैलानी कस्बे के किसानों ने बताया की तेज बारिश के साथ बड़े-बड़े पत्थर गिरने से कई कच्चे घरों को भी नुकसान पहुंचा है। कुल मिलाकर बेहद छोटे किसानों को घर और खेती दोनों के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि कब सर्वे होगा और कब मुआवजा हाथ लगेगा क्या पता। दूसरी ओर, एसडीएम पैलानी शशि भूषण मिश्रा ने बताया कि मौके में हल्का लेखपाल को भेज कर जांच कराई जाएगी।