Varanasi accident: वाराणसी के मिर्जामुराद क्षेत्र के गुड़िया गांव में गुरुवार शाम एक बेहद दुखद घटना घटी। घर के बाहर खेल रही चार साल की बच्ची माही अचानक पास के खुले कुएं में गिर गई। उसे बचाने के लिए उसका चाचा और एक अन्य रिश्तेदार बिना किसी सुरक्षा उपाय के कुएं में उतर गए। लेकिन अंदर मौजूद जहरीली गैस के कारण तीनों की दम घुटने से मौत हो गई। हादसे के वक्त गांव में एक तेरहवीं समारोह चल रहा था, जिस कारण वहां पहले से भीड़ मौजूद थी।
ग्रामीणों ने बताया कि माही पास के ही पड़ोसी प्रदीप बिंद की बेटी थी। जब बच्ची कुएं में गिरी, तो पास के बच्चे शोर मचाने लगे। मौके पर पहुंचे प्रमोद बिंद का बेटा ऋषिकेश (27) और उसका रिश्तेदार रामकेश (30), जो मिर्जापुर के अदलपुरा गांव का रहने वाला था, सबमर्सिबल पंप की पाइप के सहारे कुएं में उतर गए। लेकिन थोड़ी ही देर में कुएं से कोई हलचल नहीं दिखी, जिससे सभी को अनहोनी की आशंका हो गई।
ग्रामीणों ने खुद प्रयास कर तीनों के शव बाहर निकाले। इस दौरान Varanasi पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर तो पहुंचीं, लेकिन उनके पास न तो कोई बचाव उपकरण था और न ही ऑक्सीजन सिलेंडर, जिससे वे कोई मदद नहीं कर सके। एनडीआरएफ की टीम बाद में पहुंची, लेकिन तब तक ग्रामीण शव निकाल चुके थे। इस लापरवाही पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
घटना की सूचना मिलते ही भाजपा एमएलसी धर्मेंद्र राय गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी। प्रशासन की ओर से Varanasi डीसीपी गोमती जोन आकाश पटेल, एडीएम बिपिन कुमार और अन्य अधिकारी भी पहुंचे और लोगों को शांत कराने की कोशिश की। एडीएम ने बताया कि मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने के लिए जिलाधिकारी से बात की गई है। डीसीपी के अनुसार, परिजनों की सहमति के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
ग्रामीणों ने Varanasi प्रशासन से मांग की कि गांवों में अब भी खुले कुएं बड़ी संख्या में हैं, जिन पर ढक्कन नहीं है। अगर समय रहते इन पर सुरक्षा उपाय नहीं किए गए, तो ऐसे हादसे दोबारा हो सकते हैं। घटना के बाद पूरे गांव में मातम और सन्नाटा पसरा हुआ है।