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Tuesday, October 14, 2025
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    मुख्यमंत्री सुपोषण योजना: योगी सरकार का बच्चों के पोषण की दिशा में बड़ा कदम

    UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में बच्चों के कुपोषण से निपटने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ लागू करने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत 3 से 6 वर्ष तक के पंजीकृत बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रतिदिन पौष्टिक नाश्ता दिया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण की स्थिति को कम करना और उन्हें प्रारंभिक उम्र से ही बेहतर पोषण प्रदान करना है।

    मुख्यमंत्री ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की समीक्षा बैठक में इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने की बात कही। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक ‘संभव अभियान’ के तहत किए गए प्रयासों से सुधार तो हुआ है, लेकिन निरंतर पोषण की आवश्यकता बनी हुई है। इसी को देखते हुए UP मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की शुरुआत की जा रही है।

    इस योजना को डॉ. भीमराव अंबेडकर जीरो पॉवर्टी मिशन से जोड़ा गया है, ताकि चिन्हित गरीब परिवारों को भी इसका सीधा लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि आकांक्षात्मक जिलों और विकासखंडों को इस योजना में प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, योजना की कार्ययोजना जल्द तैयार कर उसे धरातल पर उतारने के आदेश दिए गए हैं।

    योजना UP के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को दूध, फल और पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता दिया जाएगा। इसके अलावा, जिन गरीब परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत गाय उपलब्ध कराई जाएगी। इससे न सिर्फ उन्हें गोसेवा का अवसर मिलेगा, बल्कि दूध की उपलब्धता से उनके परिवार का पोषण स्तर भी सुधरेगा।

    मुख्यमंत्री UP ने पोषण मानकों जैसे स्टंटिंग, अंडरवेट और वास्टिंग पर सतत निगरानी रखने पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर समन्वित प्रयास करें।

    रेसिपी आधारित टेक होम राशन (THR) को लेकर मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इसमें स्थानीय विशेषताओं को भी जोड़ा जाए। जैसे प्रतापगढ़ के आंवले, श्रीअन्न और गुड़ को शामिल किया जाए, ताकि पोषण के साथ स्वाद भी बना रहे।

    फिलहाल प्रदेश के 43 जिलों में 204 टेक होम राशन इकाइयों से 288 परियोजनाओं को आपूर्ति दी जा रही है। अब इस व्यवस्था को सभी जिलों तक विस्तार देने का निर्णय लिया गया है, जिससे पूरे प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ एकजुट लड़ाई लड़ी जा सके।

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