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Friday, June 6, 2025
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Yogi govt ने मृतक शिक्षकों के परिवारों को दी बड़ी राहत, अब मिलेगा डेथ ग्रेच्युटी का लाभ

Yogi govt: उत्तर प्रदेश सरकार ने सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के परिजनों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब ऐसे शिक्षक जो अपनी सेवा के दौरान 60 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले दिवंगत हो गए, उनके परिवार को मृत्यु उपदान यानी डेथ ग्रेच्युटी दी जाएगी। योगी कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने इस निर्णय को लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया है।

इस फैसले के तहत उन शिक्षकों के परिजनों को भी लाभ मिलेगा जिन्होंने 62 वर्ष तक सेवा विस्तार का विकल्प चुना था, लेकिन विकल्प बदलने की तय समयसीमा से पहले ही उनका निधन हो गया। ऐसे मामलों में अब परिवार को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि यह निर्णय उन सभी मृतक शिक्षकों पर लागू होगा, जिन्होंने सेवा में रहते हुए सेवानिवृत्ति का कोई विकल्प नहीं दिया और 60 वर्ष की उम्र पूरी होने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई। साथ ही, जिन शिक्षकों ने 62 वर्ष की सेवा का विकल्प चुना था और तय समय से पहले उनका निधन हुआ, उनके परिवार भी इस सुविधा के पात्र होंगे।

Yogi govt ने इस नई व्यवस्था को 3 फरवरी 2004 के बाद लागू किया है। यानी इस तारीख के बाद जिन शिक्षकों की सेवा के दौरान मृत्यु हुई है और जिन्होंने रिटायरमेंट के विकल्प नहीं भरे थे या समय रहते विकल्प बदल नहीं पाए थे, उनके परिजनों को भी अब डेथ ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।

ग्रेच्युटी की राशि भी सरकार ने निर्धारित कर दी है। उदाहरण के लिए, अगर किसी शिक्षक की मृत्यु 1 जनवरी 2024 से पहले हुई थी, तो उनके परिवार को अधिकतम 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी दी जाएगी। वहीं 1 जनवरी 2024 के बाद निधन होने की स्थिति में यह राशि बढ़कर 25 लाख रुपये तक हो सकती है।

Yogi govt का यह कदम उन परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो अपने आश्रित शिक्षक सदस्य की मृत्यु के बाद आर्थिक संकट से गुजर रहे थे। यह निर्णय शिक्षकों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और उनके योगदान के प्रति सम्मान को दर्शाता है।

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