UKSSSC paper leak: उत्तराखंड में एक बार फिर पेपर लीक कांड सामने आया है। UKSSSC की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा (21 सितंबर 2025) का पेपर लीक होने से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। इस खुलासे ने न सिर्फ युवाओं को सड़क पर ला खड़ा किया, बल्कि सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
जांच में सामने आया कि मास्टरमाइंड खालिद मलिक ने परीक्षा केंद्र की दीवार फांदकर मोबाइल से प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींचीं और बहन सबिया को भेजीं। सबिया ने इन्हें टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को फॉरवर्ड किया। सुमन ने प्रश्न हल कर लौटाए, लेकिन खालिद डर की वजह से अधिक फोटो नहीं ले सका और अनुमान से OMR शीट भर दी। पुलिस का कहना है कि खालिद ने परीक्षा से पहले स्थल की रेकी कर मोबाइल छिपाया था। परीक्षा के बाद वह दिल्ली-लखनऊ भागा और साक्ष्य मिटाने की कोशिश की, मगर 23 सितंबर को हरिद्वार में गिरफ्तार हो गया।
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पुलिस ने अब तक कई गिरफ्तारियां की हैं। खालिद की बहन सबिया न्यायिक हिरासत में है। प्रोफेसर सुमन भी जेल भेजी गईं। पुराने नकल माफिया हाकम सिंह और पंकज गौर को भी पकड़ा गया है। वहीं सोशल एक्टिविस्ट बॉबी पंवार को सोशल मीडिया पर पेपर की तस्वीरें शेयर करने के चलते संदिग्ध माना गया।
बढ़ते आक्रोश को देखते हुए सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में SIT का गठन किया है, जिसकी कमान देहरादून ग्रामीण की SP जया बलूनी को दी गई है। SIT को एक महीने में रिपोर्ट सौंपनी होगी और तब तक परीक्षा परिणाम रोक दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही एक सेक्टर मजिस्ट्रेट को निलंबित भी किया गया है।
इस बीच देहरादून से लेकर चंपावत और पौड़ी तक छात्रों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा है। वे CBI जांच और UKSSSC परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। विपक्ष ने इसे सरकार की नाकामी बताया, जबकि बीजेपी ने इसे विपक्षी साजिश करार दिया। पिछले कुछ सालों से बार-बार हो रहे पेपर लीक से युवाओं का विश्वास लगातार डगमगा रहा है।