2024 चुनाव से पहले विपक्ष को झटके पर झटके लग रहे हैं. जिस तरह के सियासी समीकरण बन रहे हैं, वो विपक्ष के पक्ष में जाते तो नहीं दिख रहे. कभी पार्टियों की निजी स्वार्थ भारी पड़ रहे हैं. तो कभी सीट शेयरिंग को लेकर खींचातान चल रही है.. इस बीच असदुद्दीन ओवैसी के सियासी दांव ने अखिलेश यादव का तनाव बढ़ा दिया है. अखिलेश को ओवैसी के इस दांव की काट समझ नहीं आ रही है.
दरअसल ओवैसी की पार्टी AIMIM ने यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ना का फैसला किया है.. AIMIM ने उत्तर प्रदेश में 7 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का निर्णय ले लिया है. औवेसी के इस फैसले से यूपी में कांग्रेस और सपा गठबंधन को तगड़ा झटका लग सकता है.. इस बात के कयास काफी वक्त से लगाए जा रहे थे कि औवेसी ये फैसला ले सकते हैं.. और आखिरकार ओवैसी ने फैसला ले ही लिया है.
ओवैसी का ‘मिशन-7’, सपा को टेंशन!
AIMIM के साथ औवेसी यूपी में कांग्रेस और बीजेपी को टक्कर देते नजर आएंगे. वो 7 सीटें जिनपर औैवेसी की पार्टी चुनाव लड़ने वाली है. वो हैं फिरोजाबाद, बदायूं, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, मेरठ और आज़मगढ़. गौरतलब है कि ये सभी मुस्लिम बहुल सीटें हैं.. औवेसी की पार्टी को इन सीटों पर जीत की उम्मीद है.
ध्यान देने वाली बात ये कि आज़मगढ़ से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं और इसी आज़मगढ़ से ओवैसी ने चुनाव लड़ने का फै़सला किया है. ठीक ऐसा ही बदायूं में भी हुआ.. बदायूं से शिवपाल यादव चुनाव लड़ेंगे.. तो रामगोपाल यादव के बेटे की सीट फ़िरोज़ाबाद से भी AIMIM चुनौती देगी.
दावा तो ये भी है कि असदुद्दीन ओवैसी खुद यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. साथ ही ओवैसी ने अखिलेश को सीधी चेतावनी दी है कि अगर उन्हें 5 सीट नहीं दी तो वो 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे.
अभी तो यूपी में अखिलेश यादव की मुसीबत बढ़ी है लेकिन ओवैसी के तेवर से लगता है कि बिहार में तेजस्वी यादव पर भी संकट मंडरा रहा है. क्योंकि ओवैसी यूपी के अलावा बिहार में भी हांथ आजमा सकते हैं. ओवैसी की नज़र सीमांचल इलाक़े की लोकसभा सीटों पर है अगर ऐसा हुआ तो ये विपक्षी गठबंधन के लिए बड़ा झटका हो सकता है.और बीजेपी के नज़रिये से ये फायदे का सौदा होगा.