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Monday, July 22, 2024
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सुरंग में फंसे मजदूरों से CM धामी ने फिर की बात, रेस्क्यू ऑपरेशन में और लगेगा समय, अब होगी वर्टिकल ड्रिलिंग

उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। सुरंग में फंसे इन मजदूरों को निकालने में अभी और समय लगेगा। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आज एक बार फिर टनल के अंदर जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया

सीएम धामी ने की टनल में फंसे मजदूरों से बात
सीएम धामी ने टनल के अंदर फंसे हुए मजदूरों से बात भी की। सीएम ने सुरंग में चल रहे राहत और बचाव कार्यों के संबंध में अधिकारियों से भी जानकारी ली। वहीं टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशों में रोज कोई न कोई बाधाएं सामने आ रही हैं। मजदूरों से सिर्फ 10 मीटर दूर अमेरिकी ऑगर मशीन टूट गई, जिसके कारण रेस्क्यू का काम कल यानी शुक्रवार से रुका हुआ है।

उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि ऑगर मशीन की ब्लेड्स को काटने हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगवाया गया है। ऑगर मशीन का टूटा हिस्सा निकाले जाने के बाद मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू होगी। हालांकि इसमें कितना समय लगेगा, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
वर्टिकल ड्रिलिंग है अगला विकल्प
इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अरनॉल्ड डिक्स ने बताया है कि अब ऑगर से ड्रिलिंग नहीं होगी, न ही दूसरी मशीन बुलाई जाएगी। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दूसरे विकल्प तलाशी जाएगी। अब B प्लान के तहत टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी हो रही है। इसमें हिल टॉप से वर्टिकली खुदाई की जाएगी। मजदूरों तक पहुंचने के लिए लगभग 86 मीटर की खुदाई करनी होगी।


मजदूरों को भेजी जा रही है जरुरत की चीजे
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि अच्छी बात ये है कि अंदर फंसे 41 मजदूर स्थिर हैं, सभी बुनियादी चीजें भेजी जा रही हैं। मजदूरों के परिजन भी आते हैं और वे कर्मचारियों से बात कर रहे हैं। एडवांस मशीनरी की आवश्यकता है, जिसे वायु सेना द्वारा लाया जा रहा है।
12 नवंबर को हुआ था हादसा
बता दें कि बीते 12 नवंबर की सुबह 4 बजे टनल में मलबा गिरना शुरू हो गया था। तभी 5.30 बजे तक मेन गेट से 200 मीटर अंदर तक भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया। टनल से पानी निकालने के लिए बिछाए गए पाइप से जरुरत की चीजें जैसे ऑक्सीजन, दवा, भोजन और पानी अंदर भेजा जा रहा है। बचाव कार्य में एनडीआरएफ, आईटीबीपी और बीआरओ को लगाया गया। 35 हॉर्स पावर की ऑगर मशीन से 15 मीटर तक मलबा हटाया गया है।

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