असली जिम्मेदारों पर होता एक्शन, तो न बिगड़ते हालात !
राहुल शर्मा
Bahraich(यूपी)। बहराइच में बिगड़े हालातों को लेकर रात में ही सीएम योगी का एक्टिव मोड में आना यदि ऊपर बैठे आला अफसरों को समझ में आ जाता तो निचले स्तर के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की तलवार चलाकर मामले को हल्का नहीं किया जाता। बल्कि बड़े जिम्मेदारों पर एक्शन लेकर ठोस कार्रवाई को देर रात ही एक्शन में लाया जा सकता था। लेकिन इसे इंटेलिजेंस की ही तरह लखऩऊ में बैठे उच्चाधिकारियों का भी फेलियर ही कहेंगे कि उन्होंने जिम्मेदार बड़े अफसरों पर लापरवाही बरतने की बात को दबा दिया। नतीजा बिगड़े हालातों के रूप में सामने है। यदि उच्चाधिकारी जिले में तैनात जिम्मेदार पुलिस और प्रसासनिक अफसरों पर सीएम की सक्ती के तुरंत बाद ही एक्शन लेते तो निश्चित तौर पर नीचे का अमला ज्यादा एक्न दिखाता और इन बिगड़ते हालातों को समय रहते काबू किया जा सकता था।
तूफान आ गया, अब लकीर पीट रहे
हालाकि CM योगी आदित्यनाथ रात में ही इस घटना को लेकर गंभीर थे और उन्होंने लखनऊ में बैठे उच्चाधिकारियों को सख्ती से हलातों से निबटने के नर्देश दे दिए थे। मगर अफसरों ने नीचे से दिए गए इनपुट पर यकीन करते हुए माममले को हल्के में लिया। जिसका नतीजा ये रहा कि साही, दरोगा इंस्पेक्टर पर एक्न लेकर मामले को हल्का करने का काम हुआ। नतीजा इस वक्त बिगड़े हालातों के रूप में सामने है। अब सीएम योगी की बुलाई आपात बैठक में असर सफाई देते नहीं थक रहे। गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने मामले को लेकर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, डीजीपी के अलावा एडीजी लॉ एंड ऑर्डर भी मौजूद रहे। जाहिर है बैठक में न सिर्फ हालातों को कैसे निबटा जाए इस पर चर्चा हुई है बल्कि इंटेलिजेंस के फेलियर पर भी सवाल जवाब हुए। लेकिन रात में बेपरवाही दिखाने वाले अफसर सिर्फ सफाई देने और सीएम को कनवेंस करने में ही जुटे रहे।
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रात में क्यों बंद नहीं की इंटरनेट सेवाएं
बहराइच में हालात बिगड़ने के चलते इंटरनेट सेवाओं को भी फिलहाल बंद कर दिया गया है। ऐसा माहौल को बिगाड़ने वालों के मंसूबों को रोकने के लिए किया गया है। सवाल बनता है कि यदि प्रशासन रात में ही सीएम .योगी के फैसले को गींरता से लेकर ये फैसला ले लेता तो दिन निकलने पर ये हालात न होते।
रात ही भेज देते उच्चाधिकारी
सीएम योगी के निर्देश पर यदि लखनऊ में बैठे उच्चाधिकारी गंभीरता दिखाते और हालातों को भांपते हुए रात में ही उच्चाधिकारियों को बहराइच रवाना कर देते तो ये स्थिति बिलकुल न होती। हालातों से निबटने के लिए आस-पास के जनपदों से अतिरिक्त फोर्स और पीएसी की कई कंपनियों को अब भेजा गया है। लेकिन ये भी अगर कल रात ही किया जा तो हालात बिगड़ने से रोके जजा सकते थे।
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मीडिया वालों पर सबकी नाराजगी
जहां हालात बिग़ड़ने की वजह पुलिस-प्रशासन की लापरवाही कई बड़े सवाल पैदा कर रही है, वहीं प्रशासन की हालातों को काबू कर पाने में नाकामी बड़ा सवाल है। इस सब लापरवाही के सामने आने पर अब मीडिया कवरेज पर ब्रेक लगाई गई है। पुलिस के रवैये और प्रशासन की अब तक की कार्रवाई से असंतुष्ट पीड़ित परिवार और इलाके के लोग जहां तक के शव को सड़क पर रखकर बैठे हैं, मगर अपनी नाकामी को छिपाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अमले ने मीडिया की कवरेज पर भी बेन लगा दिया है। हालात ये हैं कि उपद्रवी भी मीडिया को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे।