The Ashok Hotel News: सरकारी कंपनी, बैंक और एयरलाइन को निजी हाथों में सौंपने के बाद अब राजधानी की शान माने जाने वाला अशोक होटल बिकने की कगार पर है. सरकार ने ऑपरेट-मेंटेन-डेवलप (ओएमडी) मॉडल के तहत होटल को 60 साल के लिए लीज पर लेने की योजना बनाई है। इसके अलावा होटल की 6.3 एकड़ जमीन पीपी मॉडल के तहत व्यावसायिक उपयोग के लिए बेची जाएगी। इसे नए सिरे से विकसित करने में 450 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
तीन करोड़ रुपये में बनाया गया था
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसे 1960 के दशक में यूनेस्को सम्मेलन के लिए बनवाया था। उस वक्त इसके निर्माण में तीन करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। आप आज इसकी कीमत का अंदाजा लगा सकते हैं, उस समय देश में सोने की कीमत 90 रुपये (10 ग्राम) हुआ करती थी, जो आज बढ़कर करीब 52 हजार रुपये हो गई है.
अशोक होटल 11 एकड़ जमीन में फैला है
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक होटल की अतिरिक्त जमीन पर पीपीपी मॉडल के तहत लग्जरी अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। अशोक होटल 11 एकड़ में फैला है, यह देश का पहला पांच सितारा सरकारी होटल है। इसमें 550 कमरे, करीब 2 लाख स्क्वायर फीट रिटेल और ऑफिस स्पेस, 30 हजार स्क्वायर फीट में बैंक्वेट और 25 हजार स्क्वायर फीट में आठ रेस्टोरेंट शामिल हैं।
ये है सरकार की योजना
फिलहाल अशोक होटल का मालिकाना हक सरकारी कंपनी आईटीडीसी के पास है। इसे ओएमडी मॉडल के तहत पट्टे पर देने की तैयारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे दुनिया के मशहूर हेरिटेज होटल की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. होटल का संचालन सिर्फ प्राइवेट पार्टनर ही करेगा। होटल के पास स्थित 6.3 एकड़ जमीन पर 600 से 700 प्रीमियम सर्विस अपार्टमेंट बनाए जाएंगे।