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Saturday, November 9, 2024
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Income Tax Saving : टैक्स बचाने के लिए 31 मार्च से पहले इस योजना में करें निवेश!

Income Tax Saving Tips : लगभग एक महीने में वित्त वर्ष 2023-24 खत्म होने वाला है। आगामी 31 मार्च को इसका आखिरी दिन है। वित्त वर्ष खत्म होने से पहले सभी टैक्स पेयर्स टैक्स बचाने के लिए इधर उधर निवेश कर के रास्ते तलाश रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसा ही तरीका बताने वाले हैं जिसकी मदद से आप काफी टैक्स सेव कर सकते हैं।

टैक्स सेविंग के लिए करदाता टर्म इंश्योरेन्स, एनएससी, पीपीएफ, एनपीएस में निवेश (Income Tax Saving) करके पैसे बचाते हैं। इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) म्यूचुअल फंड भी ऐसा ही एक तरीका है जिसमें निवेश करके आप टैक्स बचा सकते हैं।

आपको बता दें कि ईएलएसएस म्यूचुअल फंड तीन साल की लॉक-इन पीरियड के साथ आते हैं। इसके साथ ही निवेशकों को टैक्स लाभ (Income Tax Saving Tips) देने के साथ-साथ इक्विटी एक्सपोज़र भी देते हैं।

आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेशक ईएलएसएस फंड में किए गए निवेश पर 1,50,000 रुपये तक की आयकर छूट प्राप्त कर सकते हैं। इससे न केवल टैक्स बचाने में मदद मिलती है बल्कि धन में भी बढ़ोत्तरी होती है।

अगर आप भी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको कुछ बातें ध्यान में रखनी है।

  • अगर आप अपना इक्विटी निवेश 31 मार्च 2024 से पहले बेचते हैं, जिसे आपने इस वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 में खरीदा है, तो पूंजीगत लाभ पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) कर के मुताबिक टैक्स लगाया जाएगा।
  • अगर आपका वर्तमान इक्विटी निवेश एक वर्ष से ज्यादा पुराना है और आप उन्हें इस वर्ष 31 मार्च से पहले भुनाते हैं, तो प्रॉफिट पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) टैक्स के प्रावधानों के अनुसार यानी 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा। वहीं अगर आप इंडेक्सेशन का दावा करते हैं तो लागू कर की दर 20 प्रतिशत होगी।
  • बता दें कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) तभी लागू होता है, जब एक वित्तीय वर्ष में इक्विटी में निवेश से लाभ 1 लाख रुपये से अधिक हो। अगर आप चालू वित्त वर्ष के लिए कर कटौती का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको 31 मार्च, 2024 से पहले ईएलएसएस योजनाओं में से एक में निवेश करना होगा।
  • अगर आपने तीन साल से अधिक समय पहले ईएलएसएस योजना में निवेश किया है, तो आप वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले उन्हें भुना सकते हैं और प्राप्त आय को चालू वित्तीय वर्ष के लिए कर लाभ का दावा करने के लिए दोबारा निवेश कर सकते हैं।

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