Hormonal Imbalance Problem: हार्मोनल असंतुलन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इससे महिलाओं में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। कई बार शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं में चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव भी देखा जाता है। 40 से 50 की उम्र में महिलाओं के स्वभाव में बदलाव आने लगता है। हालांकि आज के लाइफस्टाइल के चलते 20 से 30 साल की उम्र की महिलाओं में स्वभाव में बदलाव देखा गया है। ऐसा हार्मोनल असंतुलन के कारण ही होता है। भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलते लाइफस्टाइल के कारण महिलाएं अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। उनकी दिनचर्या भी अस्त-व्यस्त हो जाती है। असंतुलित आहार, प्रदूषण के कारण उनमें हार्मोनल असंतुलन हो जाता है। अगर आपको भी हार्मोनल असंतुलन है, तो जानिए कैसे आप बिना दवा के इसे ठीक कर सकते हैं।
हार्मोनल असंतुलन के लक्षण
चिंतित, तनावग्रस्त और अकेला महसूस करना
बार-बार मूड स्विंग होना
तेजी से बालों का झड़ना
खराब नींद, यौन इच्छा में कमी
वजन बढ़ना, अनियमित पीरियड्स और देरी से पीरियड्स
चेहरे के बाल या मुँहासे
बिना दवा के हार्मोनल असंतुलन
अगर आपको भी ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो आप बिना दवा के ठीक हो सकते हैं। हालांकि ज्यादा परेशानी होने पर डॉक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए। हार्मोनल असंतुलन से बचने के लिए आपका आहार बहुत महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि डाइट में किन चीजों को शामिल करना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
डाइट में रखें ये चीजें
चाय, कॉफी, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन करने से महिलाओं की एड्रिनल ग्रंथि ज्यादा सक्रिय रहती है। इसकी वजह से हार्मोन रिलीज होने लगते हैं।
डाइट में अधिक से अधिक पौष्टिक भोजन शामिल करें, ताकि शरीर को विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन जैसे पोषक तत्व मिल सकें।
अपने आहार में ताजे फल और सब्जियों जैसे गाजर, ब्रोकली और गोभी की मात्रा बढ़ा दें।
ग्रीन टी में पाया जाने वाला थीनाइन एक प्राकृतिक तत्व है, यह हार्मोन्स को संतुलित रखने में सहायक होता है।
ओट्स और दही खाएं, ये हार्मोन्स को बैलेंस रखने में मदद करेगा.
शरीर में पानी की कमी न होने दें। समय-समय पर पानी पीते रहें।
डायट में सूरजमुखी के बीज, अंडे, ड्राई फ्रूट्स और चिकन शामिल करें। इनमें ओमेगा 3 और 6 पाए जाते हैं, जो हार्मोन्स को संतुलित बनाते हैं।
रोजाना नारियल पानी पिएं। इससे बहुत लाभ होता है।
इन सब्जियों से बनाएं दूरी
हार्मोनल असंतुलन की समस्या होने पर बैंगन, मिर्च, आलू और टमाटर जैसी सब्जियों से परहेज करना चाहिए।
लाल मांस संतृप्त और हाइड्रोजन वसा युक्त भोजन खाने से बचें।
डिब्बाबंद मांस खाने से बचें।
यदि कोई महिला गर्भवती है और हार्मोनल समस्याओं से पीड़ित है, तो स्टीविया से परहेज करें। स्टेविया एक प्राकृतिक स्वीटनर है, जो हानिकारक है।
सोया उत्पाद खाने से बचें। अगर आप हार्मोनल असंतुलन से परेशान हैं तो डेयरी उत्पादों का सेवन न करें।