Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। हर दिन लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। आगामी मौनी अमावस्या को शाही स्नान के मद्देनजर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ की संभावना है। इसी के चलते प्रयागराज की उड़ानों के किराए में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हवाई किराए में 600% तक उछाल
मौनी अमावस्या के आसपास हवाई किराए में 600 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सामान्यतः 5,000 से 10,000 रुपये के बीच रहने वाले किराए अब आसमान छू रहे हैं।
- चेन्नई-प्रयागराज-चेन्नई की रिटर्न टिकट की कीमत 53,000 रुपये तक पहुंच गई है।
- कोलकाता से रिटर्न टिकट 35,500 रुपये में मिल रही है।
- मुंबई से प्रयागराज की टिकट 22,000 से 60,000 रुपये के बीच मिल रही है।
- बेंगलुरु-प्रयागराज की टिकट 26,000 से 48,000 रुपये तक हो गई है।
सरकार और DGCA का हस्तक्षेप
किराए में इस भारी उछाल (Mahakumbh 2025) को देखते हुए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइंस से किराए को तर्कसंगत बनाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा जनवरी में 81 अतिरिक्त उड़ानों को मंजूरी दी गई है जिससे प्रयागराज के लिए कुल 132 उड़ानों का संचालन हो रहा है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इस मुद्दे पर कहा कि हम हवाई किराए की बढ़ती कीमतों की प्रवृत्ति की समीक्षा कर रहे हैं और इसे अधिक सुलभ बनाने के उपाय करेंगे।
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भीड़ के आगे उड़ानों की कमी
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बावजूद अतिरिक्त उड़ानों के बाद भी हवाई यात्रा की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार अब तक 12 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में शामिल हो चुके हैं। केवल रविवार को दोपहर तक 1.17 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।
उड़ानों के किराए में अप्रत्याशित वृद्धि की आलोचना हो रही है। कई तीर्थयात्रियों ने कहा कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में एयरलाइंस को किराए को नियंत्रित रखना चाहिए। हालांकि DGCA और सरकार की पहल से यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
महाकुंभ का आकर्षण जारी
13 जनवरी से शुरू हुआ यह भव्य आयोजन 26 फरवरी को समाप्त होगा। संगम में शाही स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए हर दिन लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है। महाकुंभ के चलते बढ़े हुए हवाई किराए ने श्रद्धालुओं के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। सरकार और DGCA के हस्तक्षेप से किराए में राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि अतिरिक्त उड़ानों के बावजूद बढ़ती भीड़ से हवाई यात्रा की मांग पूरी करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।