Agra Hotel tragedy: आगरा के एक होटल में मेरठ निवासी 31 वर्षीय इंजीनियर रोहित कुमार की आत्महत्या का मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को हैरानी में डाल दिया है। होटल के कमरे में पंखे से लटकी उनकी लाश मिलने के बाद घटनास्थल से बरामद एक पेन ड्राइव ने इस आत्महत्या को एक रहस्यमयी मोड़ दे दिया है।
रविवार को रोहित ने आगरा के पचुकइयां क्षेत्र स्थित एक होटल में कमरा नंबर 204 बुक कराया था। सोमवार सुबह तक जब वह कमरे से बाहर नहीं निकले, तो होटल कर्मचारियों ने दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब न मिलने पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया तो रोहित का शव पंखे से लटका मिला। कमरे में एक पर्ची रखी हुई थी जिसमें पेन ड्राइव का जिक्र था।
Agra पुलिस ने जब उस पेन ड्राइव को खंगाला, तो उसमें एक सुसाइड नोट मिला जिसमें कई भावुक और उलझाने वाले वाक्य लिखे थे। नोट में एसएन मेडिकल कॉलेज की एक महिला डॉक्टर का नाम और फोन नंबर भी था। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि रोहित ने लिखा था—”मैं उसका पहला मरीज, और वो मेरी आखिरी डॉक्टर है।” इस भावुक संदेश ने पुलिस को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
रोहित ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि उसकी बॉडी को मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए दान में दे दिया जाए। साथ ही उन्होंने स्पष्ट लिखा—”मुझे 13 दिनों का कोई ड्रामा नहीं चाहिए,” जिससे यह संकेत मिलता है कि वह इस फैसले को पूरी तरह सोच-समझकर लिया गया कदम मानते थे।
Agra पुलिस जांच में पता चला है कि रोहित मेरठ के शिवरामपुरम गोलाबाग इलाके का निवासी था। उनके पिता पुलिस विभाग से रिटायर्ड हैं, और बड़े भाई एक वैज्ञानिक हैं। मां का दो वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। परिवार वालों ने बताया कि रोहित 10 जुलाई से बिना किसी जानकारी के घर से निकल गया था।
इस सुसाइड नोट में दो विदेशी नंबरों का भी उल्लेख है, जिनकी जांच की जा रही है। वहीं जिस महिला डॉक्टर का जिक्र किया गया है, उससे भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
फिलहाल Agra पुलिस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। इस भावनात्मक और रहस्यपूर्ण आत्महत्या ने न केवल रोहित के परिवार को झकझोर दिया है, बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मानसिक तनाव और भावनात्मक संबंध कैसे किसी को इस हद तक ले जा सकते हैं।