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Saturday, April 19, 2025
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Bareilly teacher: गानों से गणित… बरेली के शिक्षक प्रशांत अग्रवाल ने पढ़ाई को बनाया मजेदार!

Bareilly teacher: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के एक सरकारी शिक्षक प्रशांत अग्रवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अनोखी पद्धति से अलग पहचान बनाई है। प्रशांत अग्रवाल ने बच्चों को गणित और अंग्रेजी जैसे कठिन विषयों से डरने के बजाय उन्हें आनंदपूर्वक सीखने के लिए गीत, कविता और पहेलियों का सहारा लिया है। उनका यह अनोखा तरीका नन्हे-मुन्ने बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रहा है।

प्रशांत अग्रवाल Bareilly के फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के डहिया गांव के प्राथमिक स्कूल में पढ़ाते हैं। उन्होंने पारंपरिक पढ़ाई की उबाऊ शैली को छोड़कर, बच्चों के लिए सीखने की प्रक्रिया को सरल और रोचक बनाने का प्रयास किया है। अब बच्चे गणित के सवालों और अंग्रेजी के शब्दों को गीत और कविताओं के माध्यम से आसानी से समझ रहे हैं। प्रशांत ने न केवल पढ़ाई की पद्धति को रोचक बनाया है, बल्कि उन्होंने सरकारी स्कूल में खुद की लाइब्रेरी भी बनाई है, जिसमें सैकड़ों किताबें उपलब्ध हैं।

उनकी शिक्षण पद्धति की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कक्षा एक से पांच तक की हिंदी और संस्कृत की 65 कविताओं का संकलन तैयार किया है, जो अन्य जिलों में भी सराहे जा रहे हैं। प्रशांत पहले जवाहर नवोदय विद्यालय में शिक्षक थे, लेकिन उन्होंने वहां की नौकरी छोड़कर बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़ने का फैसला किया। उनका मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल पढ़ाना नहीं, बल्कि बच्चों में सीखने की ललक और रचनात्मकता पैदा करना भी होना चाहिए।

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प्रशांत अग्रवाल Bareilly ने अब तक 11 किताबें लिखी हैं, जिनमें “शिक्षक के मार्मिक मनोभाव”, “अनमोल शिक्षा-सूत्र”, “मजेदार बेसिक गणित”, “अमेजिंग इंग्लिश वर्ल्ड”, “अद्भुत भाषा भंडार”, “संस्कार के रिमझिम गीत”, “चार हजार बुद्धिवर्द्धक पहेलियां”, “डेढ़ हजार सुरीली पहेलियां” और “ढाई हजार मात्रा-काव्य पहेलियां” शामिल हैं। उनकी यह किताबें शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच खूब पसंद की जा रही हैं।

प्रशांत अग्रवाल Bareilly का यह प्रयास न केवल सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए शिक्षा को रोचक बनाने में सफल रहा है, बल्कि अन्य शिक्षकों के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो रहा है। उनके नवाचारी शिक्षण पद्धति को देखकर यह कहा जा सकता है कि यदि शिक्षक ठान लें तो शिक्षा को सहज और मनोरंजक बनाया जा सकता है।

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