KBEC updates: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को बेहतर कनेक्टिविटी देने के उद्देश्य से कानपुर-भोपाल इकोनॉमिक कॉरिडोर (KBEC) का निर्माण तेज गति से चल रहा है। 526 किलोमीटर लंबा यह 4-लेन हाइवे सफर को आसान बनाते हुए कानपुर से भोपाल की दूरी को 12-14 घंटे से घटाकर मात्र 7 घंटे में बदल देगा। इस परियोजना को केंद्र सरकार ने 3500 करोड़ रुपये के बजट के साथ स्वीकृति दी है।
KBEC का मार्ग और संरचना
KBEC का निर्माण चार चरणों में किया जाएगा। यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के सतई घाट से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के कैमाहा तक फैलेगा। कुल 526 किलोमीटर के इस हाईवे में 360 किलोमीटर की सड़क मध्य प्रदेश और 166 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में बनाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट में सागर-कबरई हाईवे को भी जोड़ा जाएगा। साथ ही यह कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा जैसे जिलों को छूते हुए छतरपुर तक पहुंचेगा।
2026 तक पूरा होने की संभावना
इस परियोजना की घोषणा 2023 में की गई थी, और इसका निर्माण कार्य उसी समय शुरू हुआ। वर्तमान अपडेट्स के अनुसार, KBEC का निर्माण 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। यह हाईवे न केवल बड़े शहरों को जोड़ने में अहम होगा, बल्कि कई ग्रामीण इलाकों को भी कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।
कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास
KBEC के बनने से कानपुर से भोपाल तक का सफर 7 घंटे का हो जाएगा। फिलहाल यह सफर 12-14 घंटे लेता है। प्रोजेक्ट के तहत दो लेन की मौजूदा सड़क को चार लेन में बदला जाएगा, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म होगी। यह हाईवे नौबस्ता, घाटमपुर और हमीरपुर जैसे क्षेत्रों में ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाएगा।
व्यापक लाभ और असर
इस परियोजना से यूपी और एमपी के कई जिलों और गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। बेहतर सड़क संपर्क व्यापार और परिवहन को बढ़ावा देगा, जिससे दोनों राज्यों के आर्थिक विकास में तेजी आएगी। 3700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाला यह प्रोजेक्ट क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा और सामाजिक-आर्थिक उन्नति के नए द्वार खोलेगा।
KBEC सिर्फ एक हाइवे नहीं, बल्कि यूपी और एमपी के लिए विकास का जरिया बनने जा रहा है। यह परियोजना न केवल सफर को आसान बनाएगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास में एक नई क्रांति लाएगी। 2026 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है, जिससे हजारों लोगों को लाभ होगा।