Kanpur News: कानपुर में पशुपालन विभाग में पांच साल पहले 1.32 करोड़ रुपये का चारा घोटाला हुआ था। जिसका खुलासा 2022 में ऑडिट के बाद हुआ था। सीडीओ ने सभी सचिवों को खर्च की धनराशि के बिल वाउचर सौंपने के निर्देश दिए थे। ऐसा न करने वाले 9 सचिवों का वेतन रोका है। साथ ही जल्द से जल्द बिल वाउचर न देने पर सख्त कार्रवाई होगी, तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
19 ग्राम पंचायतों में किया गया फर्जीवाड़ा
जानकारी के अनुसार सोशल ऑडिट टीम ने वर्ष 2019-20 और 2020-21 में 19 ग्राम पंचायतों में किए गए फर्जीवाड़े को पकड़ा था। पंचायत सचिवों ने बिधनू, भीतरगांव, बिल्हौर, शिवराजपुर, सरसौल, घाटमपुर, पतारा और ककवन ब्लॉक में गोशालाओं में चारा खरीद के नाम पर जमकर बंदरबांट किया था।
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11 सचिवों ने कागजात जमा किए
CDO दीक्षा जैन ने बताया है कि 2022 को टीम ने अफसरों को ऑडिट रिपोर्ट सौंपी थी, दो वर्ष से इस ऑडिट रिपोर्ट को पशुपालन विभाग दबाए बैठा था। शासन के आदेश के बाद सीडीओ ने फर्जीवाड़े को संज्ञान में लिया। 15 दिन पहले सभी को अंतिम नोटिस देकर बिल वाउचर जमा करने के लिए कहा गया था। 11 सचिवों ने कागजात जमा किए हैं। 9 सचिवों ने बिल वाउचर नहीं जमा किए। उनकी वेतन रुकने के आदेश दिए गए है।
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