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Wednesday, December 11, 2024
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Kanpur News: अनकंट्रोल ब्लड प्रेशर हो सकता है किडनी की बीमारी का संकेत! LPS Heart Disease Institute के शोध में हुआ खुलासा

Kanpur News: भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित जीवनशैली के कारण हाई ब्लड प्रेशर अब एक आम समस्या बनती जा रही है। लेकिन यदि दवाओं के बावजूद ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं हो रहा है, तो इसकी वजह आपकी किडनी हो सकती है. कानपुर के एलपीएस हृदय रोग संस्थान में हुए एक शोध ने इस चौंकाने वाले तथ्य का खुलासा किया है। इस अध्ययन में 1,000 मरीजों पर शोध किया गया और पाया गया कि उनमें से कई को किडनी की समस्याएं थीं, जिससे उनका ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो रहा था

रेनिन रसायन के रिसाव से होती है दिक्कत

एलपीएस हृदय रोग संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अवधेश शर्मा ने बताया कि इस अध्ययन में पाया गया है कि गुर्दे के मरीजों में रेनिन रसायन का रिसाव होता है। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या होने लगती है। वहीं डॉ. शर्मा ने बताया कि बीपी की समस्या सबसे ज्यादा अनुवांशिक व खराब जीवनशैली के कारण हो रही है। गलत खानपान, शारीरिक मेहनत न करना, तनाव पूर्ण जीवन जीने की वजह से कम उम्र में ही लोग ब्लड प्रेशर का शिकार हो रहे हैं।

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25 से 50 साल की उम्र में देखने को मिल रही बीमारी

उन्होंने बताया कि इस बीमारी की खास बात ये है कि व्यक्ति को पता ही नहीं चलता है कि उसको बीपी जैसी बीमारी है, जब बीमारी ज्यादा बढ़ जाती है तब वह डॉक्टर के पास जांच कराने पहुंचता है। इसके बाद उसे बीपी की समस्या की जानकारी होती है। ये बीमारी 25 से 50 साल की उम्र में देखने को मिल रही हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि अस्पताल में आने वाले मरीजों के जीवन शैली पर एक पूरी रिपोर्ट तैयार की। इसके साथ ही उनके गुर्दों की भी जांच कराई गई। इस जांच में ही पता चला कि जिनमें गुर्दों की समस्या है उन मरीजों का ही बीपी अनकंट्रोल रहता है।

दोनों का इलाज एक साथ किया जाता

डॉ. शर्मा ने बताया कि इसमें मरीज का बीपी के साथ गुर्दे का भी इलाज किया जाता है। ये इलाज 3 प्रकार से होता है। पहला तो हम लोग गुर्दे की नस यदि ब्लॉक होती है तो इसे स्टंड डालकर खोल देते हैं। इसके अलावा दूसरा इलाज है जो नस ब्लड प्रेशर बढ़ाने की जिम्मेदार होती है, उस नस को आधुनिक विधि का प्रयोग कर जला देते हैं। तीसरा मरीजों को ड्रग के माध्यम से उसका इलाज किया जाता है। इन विधि से इलाज कर मरीज के बीपी को कंट्रोल किया जा सकता है।

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