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Wednesday, June 25, 2025
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Naini Jail में अली अहमद की बैरक से कैश और प्रतिबंधित सामान मिलने से हड़कंप, जेलकर्मी निलंबित

Naini Jail News: प्रयागराज स्थित नैनी सेंट्रल जेल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। 17 जून को डीआईजी जेल राजेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में किए गए औचक निरीक्षण में माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की हाई-सिक्योरिटी बैरक से 1100 रुपये नकद और प्रतिबंधित सामग्री बरामद की गई। इस खुलासे ने जेल की सुरक्षा प्रणाली और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

तलाशी में खुली जेल प्रशासन की पोल

Naini Jail में रूटीन चेकिंग के दौरान जब अली अहमद की बैरक की जांच की गई, तो वहां से नकद राशि और कुछ ऐसे सामान मिले, जिनकी जेल नियमों के तहत अनुमति नहीं है। नियमों के अनुसार, कैदियों को नकदी रखने की इजाजत नहीं होती, उन्हें कैंटीन से सामान खरीदने के लिए कूपन इस्तेमाल करने होते हैं। अली ने कोई कूपन नहीं खरीदा था, बावजूद इसके उनके पास पैसे और अन्य सामग्रियां पाई गईं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा प्रणाली में गंभीर चूक हुई है।

सीसीटीवी में मिला सुराग, दो अधिकारी निलंबित

Naini Jail अधीक्षक रंग बहादुर ने बताया कि अली को यह नकदी एक मुलाकाती द्वारा दी गई थी ताकि वह कूपन ले सके। लेकिन चूंकि अली से मिलने सिर्फ वकील आते हैं और वह भी कभी-कभार, यह बात संदिग्ध लग रही थी। सीसीटीवी फुटेज में एक वार्डन को पैसे लेते हुए देखा गया, जिसके बाद जेल प्रशासन ने कार्रवाई की। डिप्टी जेलर कांति देवी और हेड वार्डन संजय द्विवेदी को लापरवाही और संदिग्ध भूमिका के चलते निलंबित कर दिया गया है। मामले की गहन विभागीय जांच शुरू हो चुकी है।

अली अहमद पर पहले से कई गंभीर आरोप

अली अहमद, अतीक अहमद का दूसरा बेटा है और 30 जुलाई 2022 से नैनी जेल में बंद है। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें उमेश पाल की हत्या, रंगदारी, अपहरण और गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमे शामिल हैं। 2023 में उमेश पाल की हत्या की साजिश अली ने कथित तौर पर जेल से ही रची थी। इसके अलावा, 2021 में एक प्रॉपर्टी डीलर से 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में भी वह फंसे हैं।

जेल में माफियाओं की पकड़ पर फिर सवाल

Naini Jail की क्षमता 2060 कैदियों की है, लेकिन यहां लगभग 4190 कैदी बंद हैं। यह जेल लंबे समय से अतीक अहमद के प्रभाव में मानी जाती रही है। जेल सूत्रों के अनुसार, अतीक के करीब 400-500 गुर्गे जेल के भीतर सर्किल 5 में बंद हैं। इससे पहले भी कई बार नैनी जेल से पिस्टल, मोबाइल और अन्य अवैध सामान मिलने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अतीक और उनके भाई अशरफ की हत्या के बाद अली की जेल में गतिविधियां और अधिक संदेह के घेरे में आ गई थीं।

राजनीतिक तूफान और सोशल मीडिया प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में नाराजगी साफ देखी गई। कई यूजर्स ने जेल प्रशासन की निष्क्रियता और माफियाओं के जेल में भी आराम से रहने पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि योगी सरकार की जेल सुधार नीतियां सिर्फ कागज़ों तक सीमित हैं। वहीं, सत्ताधारी दल ने इसे एक अलग घटना बताते हुए इसे गंभीरता से लेने की बात कही है।

आगे की कार्रवाई और संभावित परिणाम

अब यह मामला विभागीय जांच के अधीन है, और यदि यह साबित होता है कि जेलकर्मियों की मिलीभगत थी, तो आगे और बड़ी कार्रवाई हो सकती है। सुरक्षा कड़ी करने की मांग उठ रही है, और अली अहमद के खिलाफ नए मुकदमे दर्ज किए जा सकते हैं। गैंगस्टर एक्ट के तहत उसकी संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया भी तेज हो सकती है।

नैनी जेल की इस घटना ने फिर से यह चिंता खड़ी कर दी है कि क्या भारत की जेलें वास्तव में सुरक्षित हैं, या अपराधी वहां से भी अपने नेटवर्क को चला रहे हैं? इस मामले में पारदर्शिता, कठोर जांच और सुधारात्मक कदम ही जनता का विश्वास बहाल कर सकते हैं।

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