Prayagraj circle rate: प्रयागराज जिले में जमीन खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए बड़ी खबर है। जिला प्रशासन जल्द ही जमीन के सर्किल रेट में बदलाव करने जा रहा है। इस बार सर्किल रेट में 25 फीसदी तक की संभावित बढ़ोतरी हो सकती है, खासतौर पर शहर के उन क्षेत्रों में जहां सड़कें चौड़ी हैं और प्रॉपर्टी की मांग अधिक है। प्रशासन ने एक नया सर्वे कराया है, जिसके आधार पर नए सिरे से सर्किल रेट सूची तैयार की जा रही है।
इस बार Prayagraj सर्किल रेट निर्धारण में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब हर प्लॉट की गाटा संख्या भी सर्किल रेट सूची में दर्ज की जाएगी। इससे जमीन खरीदने वाले लोगों को यह जानना आसान हो जाएगा कि किस गाटा की जमीन किस सड़क या हाईवे से जुड़ी है और उसका सही रेट क्या है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़ों पर भी रोक लगेगी। गाटा संख्या के आधार पर सर्किल रेट अलग-अलग होगा — जैसे नेशनल हाईवे से सटे गाटों का रेट सबसे अधिक होगा, फिर जिला हाईवे, और फिर लिंक रोड से जुड़ी जमीन का रेट तय किया जाएगा।
एआईजी स्टांप राकेश चंद्रा के अनुसार, Prayagraj सर्किल रेट तय करने की प्रक्रिया में इस बार चार प्रकार की श्रेणियां बनाई जा रही हैं — कृषि भूमि, गैर-कृषि भूमि, व्यावसायिक उपयोग वाली भूमि और शहरी क्षेत्र की जमीनें। गोविंदपुरी, कीडगंज, शिवकुटी, सलोरी बघारा जैसे इलाकों में सड़कों का चौड़ीकरण हो चुका है, इसलिए यहां 25% तक की बढ़ोतरी संभव है।
साथ ही, प्रयागराज में स्टांप चोरी पर भी कार्रवाई तेज कर दी गई है। बीते एक साल में 363 लोगों को चिन्हित किया गया है जिन्होंने घर तो खरीदे, लेकिन स्टांप शुल्क की चोरी कर लगभग 1.90 करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को पहुंचाया। इनमें से 235 लोगों ने चालान मिलने पर लगभग 1.66 करोड़ रुपये जमा कर दिए, जबकि बाकी 127 लोगों पर आरसी जारी कर वसूली की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
प्रशासन की योजना है कि नई सर्किल रेट सूची में सभी गाटों की जानकारी सार्वजनिक की जाए ताकि आम नागरिकों को भी संपत्ति से जुड़ी सटीक जानकारी समय पर उपलब्ध हो सके। इससे न केवल खरीददारों को सही रेट का ज्ञान होगा, बल्कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में भी पारदर्शिता बढ़ेगी और राजस्व हानि पर रोक लगेगी।