Raebareli Dalit youth Hariom murder: रायबरेली से आई एक दर्दनाक खबर ने पूरे प्रदेश और समाज को झकझोर दिया है। 38 वर्षीय मानसिक रूप से अस्वस्थ दलित युवक हरिओम को चोरी के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों में गुस्सा और आक्रोश फैल गया। वीडियो में अंतिम क्षणों में हरिओम नेता विपक्ष राहुल गांधी का नाम लेकर मदद की गुहार लगाता है, लेकिन हत्यारे गर्व से कहते हैं – “हम बाबा वाले हैं।” यह दृश्य कानून व्यवस्था और दलितों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
घटना 3 अक्टूबर को रायबरेली के ऊंचाहार थाना क्षेत्र के ईश्वरपुर रेलवे हाल्ट के पास हुई। पुलिस के अनुसार, भीड़ को शक था कि हरिओम चोरी कर रहा था। वास्तविकता में, हरिओम मानसिक रूप से अस्वस्थ था और एनटीपीसी स्थित बैंक में सफाईकर्मी के पद पर तैनात अपनी पत्नी से मिलने आया था। पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
A Dalit youth, Hariom, was lynched in Raebareli over mere suspicion of theft.
This is the result of Yogi govt’s caste politics where Dalits & Muslims face mob justice instead of police protection.#DalitLivesMatter#JusticeForHariomValmiki pic.twitter.com/01Z6qVEejy
— Amar Singh Chouhan (@amar_4inc) October 5, 2025
इस भयावह घटना के बाद कांग्रेस ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने X (पूर्व Twitter) पर वीडियो शेयर कर कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं और सरकार इन मामलों में आंख मूंदकर बैठी है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी ने कहा कि किसी भी दलित युवक को टॉर्चर करके मारना मानवता के लिए शर्मनाक है। वहीं, नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से फोन पर बात कर संवेदना व्यक्त की और न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
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Raebareli पुलिस प्रशासन ने भी कार्रवाई करते हुए संबंधित थाने के इंचार्ज संजय कुमार को हटाकर अपराध शाखा में भेज दिया। साथ ही, हल्के के एक उपनिरीक्षक सहित तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। Raebareli एएसपी संजीव कुमार सिन्हा और Raebareli पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने कहा कि मामले में पूरी जांच कर आरोपियों को कानून के अनुसार सजा दिलाई जाएगी।
इस घटना ने समाज में इंसानियत और न्याय की कमजोरी पर गहरा सवाल खड़ा किया है। रायबरेली की इस पीड़ा ने राजनीतिक और सामाजिक सरोकार को और मजबूत किया है। दलित समुदाय की सुरक्षा, न्याय की मांग और कानून व्यवस्था पर सवाल अब और जोर पकड़ रहे हैं। हरिओम की हत्या केवल एक व्यक्ति का नुकसान नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि अपराधियों के मनोबल को रोकने और न्याय दिलाने में देरी बर्दाश्त नहीं की जा सकती।