Rajnath Aam: मलीहाबाद के जाने-माने बागवान और पद्मश्री सम्मानित कलीमुल्लाह खान ने आम की एक नई किस्म विकसित की है, जिसका नाम उन्होंने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सम्मान में ‘Rajnath Aamम’ रखा है। यह खास किस्म उन्होंने अपनी बागवानी में इस्तेमाल की गई ‘ग्राफ्टिंग’ तकनीक से तैयार की है। ‘ग्राफ्टिंग’ एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो अलग-अलग पौधों के हिस्सों को जोड़कर नई किस्म विकसित की जाती है। कलीमुल्लाह खान इससे पहले भी नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या राय, अखिलेश यादव और सोनिया गांधी जैसे कई बड़े नामों पर आम की किस्मों का नाम रख चुके हैं।
कलीमुल्लाह खान ने बताया कि वे अपने आमों के नाम उन व्यक्तियों के नाम पर रखते हैं जिन्होंने देश की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका मानना है कि आम एक ऐसा फल है जो पीढ़ियों तक अपनी उपस्थिति बनाए रखता है, इसलिए वे चाहते हैं कि इन नेताओं के नाम भी आम के माध्यम से लंबे समय तक याद रखे जाएं। उन्होंने राजनाथ सिंह को एक संतुलित और विचारशील व्यक्ति बताते हुए कहा कि उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान के संदर्भ में ऐसी बातें कही हैं जो शांति और संवाद को बढ़ावा देती हैं, न कि युद्ध को।
उन्होंने पाकिस्तान के साथ हाल के माहौल पर भी अपनी राय व्यक्त की और कहा कि संघर्षों के बजाय बातचीत से ही समस्याओं का समाधान संभव है। उनका मानना है कि युद्ध नफरत को बढ़ाता है और अंततः सभी पक्षों को नुकसान पहुंचाता है।
मलीहाबाद क्षेत्र दशहरी आम के लिए विश्व विख्यात है। कलीमुल्लाह खान ने बताया कि लगभग 1919 के आसपास मलीहाबाद में आम की 1300 से अधिक किस्में मौजूद थीं, लेकिन समय के साथ कई किस्में लुप्त हो गईं। उन्होंने लगभग 300 से अधिक किस्मों को पुनर्जीवित करने और संरक्षण करने का कार्य किया है। उनका लक्ष्य है कि वे आम की विविध किस्मों को बचाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध कराएं ताकि लोग इस फल का स्वाद और पौष्टिकता लंबे समय तक आनंद ले सकें।
इसके अलावा, कलीमुल्लाह खान आम के औषधीय गुणों को लेकर भी जागरूकता फैला रहे हैं। उन्होंने विभिन्न जगहों पर आम के स्वास्थ्य लाभों के प्रमाण प्रस्तुत किए हैं और अब उनका मानना है कि शोध संस्थान इन निष्कर्षों को वैज्ञानिक रूप से आगे बढ़ाएं। उन्होंने यह भी कहा कि आम न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि यह लोगों को स्वस्थ रखने में भी सहायक है।
कुल मिलाकर, ‘Rajnath Aam’ न केवल एक फल की नई किस्म है, बल्कि यह देशभक्ति, शांति और वैज्ञानिक बागवानी के मेल का प्रतीक भी है।