UP Medical News: उत्तर प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ‘रोगी कल्याण समिति’ (आरकेएस) का गठन किया जाएगा। यह समिति मरीजों से मिलने वाली धनराशि से सुविधाओं को सुधारने का कार्य करेगी।
उत्तर प्रदेश में UP Medical सरकारी अस्पतालों की तरह अब राजकीय मेडिकल कॉलेजों में भी रोगी कल्याण समिति (आरकेएस) का गठन किया जा रहा है। यह समिति कॉलेज के प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में काम करेगी और इसका उद्देश्य अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारना है। प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
आरकेएस का उद्देश्य और कार्यप्रणाली
अब तक राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी और भर्ती मरीजों से प्राप्त होने वाली धनराशि को कोषागार में जमा किया जाता था। इससे अस्पताल के रखरखाव और सेवाओं में सुधार करने में समस्या होती थी। लेकिन अब आरकेएस के गठन के बाद यह धनराशि कोषागार में जमा करने के बजाय सीधे अस्पताल की सुविधाओं पर खर्च की जाएगी।
इस समिति का प्रबंधन प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय टीम द्वारा किया जाएगा। इसमें प्रमुख अधीक्षक संयोजक के रूप में कार्य करेंगे और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, वित्त नियंत्रक तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इसके अलावा जिलाधिकारी द्वारा नामित दो गैर सरकारी सदस्य भी समिति का हिस्सा होंगे।
सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की योजना
आरकेएस का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारना है। इसके तहत मरीजों और तीमारदारों के ठहरने की व्यवस्था, भोजन, जीवनरक्षक दवाओं और ब्लड कंपोनेंट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, प्रबंधन की जवाबदेही भी तय की जाएगी।
प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि रोगी कल्याण समिति को त्रैमासिक आधार पर कम से कम एक बार बैठक करनी होगी। इससे मरीजों की शिकायतों का निस्तारण त्वरित रूप से किया जा सकेगा।
वर्तमान में UP Medical में 48 सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 13 राजकीय मेडिकल कॉलेज हैं। यह नई योजना राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को और भी सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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