UP Transfer: रविवार को योगी सरकार ने एक बार फिर प्रशासनिक महकमे में बड़ा बदलाव करते हुए आठ एडीएम समेत कुल 18 पीसीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए। इसके साथ ही 1990 से पहले के सभी राजस्व अभिलेखों को डिजिटल स्वरूप में संरक्षित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह कदम न सिर्फ सरकारी कामकाज को चुस्त-दुरुस्त करेगा, बल्कि जनता को पुराने दस्तावेजों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। पढ़ें तबादलों की पूरी लिस्ट और डिजिटल अभिलेख अभियान की जानकारी।
तबादलों की पूरी सूची
UP सरकार द्वारा जारी आदेश में जिन अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है, उनमें कई महत्वपूर्ण नाम शामिल हैं:
- गंभीर सिंह, एडीएम नगर गाजियाबाद → एडीएम आजमगढ़
- हनुमान प्रसाद, एडीएम न्यायिक लखनऊ → एडीएम रामपुर
- अम्बरीश कुमार बिंद, अपर नगर आयुक्त प्रयागराज → नगर मजिस्ट्रेट बरेली
- राजीव कुमार राय, अपर नगर आयुक्त वाराणसी → उप निदेशक मंडी परिषद लखनऊ
- शुभी काकन, एडीएम प्रशासन लखनऊ → उप निदेशक मंडी परिषद लखनऊ
- राजीव कुमार शुक्ला, नगर मजिस्ट्रेट बरेली → अपर नगर आयुक्त प्रयागराज
- सुभाष सिंह, एडीएम न्यायिक बागपत → अपर नगर आयुक्त वाराणसी
- राजेश कुमार गुप्ता, एडीएम (नमामि गंगे) बलिया → एडीएम प्रशासन लखनऊ
- हेम सिंह, एडीएम रामपुर → सचिव, विकास प्राधिकरण अयोध्या
- वंदिता श्रीवास्तव, एडीएम चित्रकूट → सचिव, बरेली विकास प्राधिकरण
- सत्येंद्र सिंह, अयोध्या विकास प्राधिकरण सचिव → एडीएम शामली
- विनय कुमार सिंह, एडीएम प्रयागराज → एडीएम नगर गाजियाबाद
- योगेन्द्र कुमार, सचिव बरेली विकास प्राधिकरण → उप निदेशक मंडी परिषद लखनऊ
- पंकज कुमार श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त लखनऊ → एडीएम न्यायिक बागपत
- राजित राम गुप्ता, एसडीएम रायबरेली → एडीएम (नमामि गंगे) बलिया
- नम्रता सिंह, एसडीएम उन्नाव → अपर नगर आयुक्त लखनऊ
- स्वप्निल कुमार यादव, एसडीएम शामली → एडीएम चित्रकूट
- रोशनी यादव, एसडीएम ललितपुर → एडीएम न्यायिक लखनऊ
राजस्व दस्तावेज होंगे डिजिटल
UP सरकार अब 1990 से पहले के राजस्व अभिलेखों को भी डिजिटल रूप में सुरक्षित करने जा रही है। स्टांप एवं पंजीकरण विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। विभाग के अनुसार, 2002 से 2017 के बीच के दस्तावेजों का 95% डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है। अब तीसरे चरण में पुराने अभिलेखों की स्कैनिंग होगी। इससे लोगों को दस्तावेजों की जानकारी एक क्लिक में मिल सकेगी और दफ्तरों में फाइलों का बोझ कम होगा। भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण के लिए केंद्र सरकार की ओर से 121 करोड़ में से 46 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। यह बदलाव यूपी के प्रशासनिक ढांचे और डिजिटल प्रणाली को एक नई दिशा देगा।