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Saturday, June 21, 2025
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Akash Anand की धमाकेदार वापसी: बीएसपी की लौटी जान, मायावती ने फिर बनाया राष्ट्रीय समन्वयक

Akash Anand Return:बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने आज दिल्ली में हुई अहम बैठक में आकाश आनंद को फिर से पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त कर एक बड़ा राजनीतिक फैसला लिया है। मायावती के भतीजे आकाश की यह वापसी बीएसपी के लिए नई ऊर्जा का संकेत है, जो पिछले कुछ महीनों से पार्टी के अंदर चले गुटबाजी और अस्थिरता के बीच आई है। मार्च 2025 में अनुशासनहीनता के आरोपों के चलते पार्टी से निष्कासित किए गए आकाश ने अप्रैल में सार्वजनिक माफी मांगी थी, जिसके बाद आज उनकी वापसी को पार्टी के लिए स्थिरता और मजबूती का अवसर माना जा रहा है।

दिल्ली में आयोजित इस अहम अखिल भारतीय बैठक में मायावती ने पार्टी के संगठनात्मक पुनर्गठन पर चर्चा की और आकाश आनंद को फिर से राष्ट्रीय समन्वयक पद की जिम्मेदारी सौंपी। मायावती ने स्पष्ट किया कि आकाश के नेतृत्व में बीएसपी युवाओं के बीच अपनी पैठ बढ़ाएगी और आगामी 2027 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारी करेगी। आकाश की युवा ऊर्जा और आधुनिक सोच को पार्टी का मजबूत पक्ष माना जा रहा है, जो उन्हें दलित युवा मतदाताओं और शहरी वर्ग के बीच लोकप्रिय बनाता है।

Akash Anand ने 2019 में बीएसपी में राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में प्रवेश किया था और पार्टी के सोशल मीडिया अभियानों और चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद उन्हें हटा दिया गया था, लेकिन जून 2024 में उन्हें पुनः पद पर बहाल किया गया था। मार्च 2025 में उनका दूसरा निष्कासन पार्टी में चल रही आंतरिक गुटबाजी और विवादों के कारण हुआ था। इस दौरान उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ का नाम पार्टी विरोधी गतिविधियों में आया था, जिसने पार्टी को और अस्थिर कर दिया था।

Akash Anand की वापसी को पार्टी में एक नई उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है। यह कदम बीएसपी के नेतृत्व में स्थिरता लाने, आंतरिक मतभेदों को कम करने और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। बीएसपी 2022 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में कमजोर प्रदर्शन से जूझ रही है, ऐसे में आकाश आनंद के नेतृत्व में पार्टी को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है।

मायावती ने साफ कर दिया है कि Akash Anand अब पार्टी के उत्तराधिकारी नहीं हैं, लेकिन उनकी भूमिका युवाओं और शहरी मतदाताओं के जुड़ाव में अहम रहेगी। बीएसपी के लिए यह वापसी एक बड़ा राजनीतिक बदलाव है, जो आगामी समय में पार्टी की दिशा तय करेगी।

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