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Monday, March 24, 2025
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Bareilly court का फैसला: पिता को 10 साल की सजा, बच्चों की गवाही पर दोषी ठहराया

Bareilly court: बरेली में एक शोकपूर्ण घटना ने कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया, जब एक महिला की आत्महत्या के मामले में उसके बच्चों ने गवाही दी, जिसके बाद आरोपी पिता को 10 साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने इस मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया और महिलाओं के अधिकारों के बारे में अहम टिप्पणी की।

यह मामला बरेली के संजय नगर क्षेत्र का है, जहां वंदना नाम की महिला अपने पति विकास उपाध्याय और दो बच्चों आयुष्मान और रितिका के साथ रहती थी। विकास, जो शराब के आदी थे, अपनी पत्नी के साथ अक्सर मारपीट किया करते थे। छोटे-छोटे कारणों पर वह शराब पीकर वंदना को पीटते और उसे मानसिक उत्पीड़न करते थे। इस अत्याचार से तंग आकर वंदना ने 29-30 नवंबर 2023 की रात आत्महत्या कर ली। इसके बाद वंदना की मां ने दहेज उत्पीड़न और मारपीट का मामला दर्ज कराया, जिसके तहत आरोपी पति को गिरफ्तार किया गया और मामला कोर्ट में आया।

इस मामले में वंदना के बच्चों आयुष्मान और रितिका ने कोर्ट में अपने पिता के खिलाफ गवाही दी। दोनों ने अपने पिता के अत्याचारों और मारपीट की घटनाओं को बयां किया, जो अदालत के लिए निर्णायक साबित हुआ। इसके आधार पर कोर्ट ने विकास उपाध्याय को दोषी ठहराया और उसे 10 साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही आरोपी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

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Bareilly court ने अपने फैसले में महिलाओं के अधिकारों को लेकर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की। जज रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि भारत में महिलाओं को देवी का दर्जा तो दिया जाता है, लेकिन उनके अधिकारों की अनदेखी की जाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भारतीय समाज महिलाओं को देवी मानता है तो क्या शराब पीकर उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज करना उचित है? जज ने यह भी कहा कि वंदना एक शिक्षित महिला थी और उसने आत्महत्या करने से पहले अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचा था।

Bareilly court ने इस फैसले के माध्यम से युवाओं और महिलाओं को संदेश दिया कि जीवन अनमोल है, और किसी भी परिस्थिति में आत्महत्या का विचार नहीं करना चाहिए।

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