CM नीतीश को भी विधायक टूटने का डर है। बीतें शुक्रवार को जदयू के मंत्री श्रवण कुमार ने जो आशंका व्यक्त की थी, उसके सच होने की तस्वीर उनके आवास पर दिखी। मिली जानकारी के अनुसार मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर भोज के बहाने जदयू विधायकों का जुटान किया गया था। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे। उस वक्त तक लगभग 20 विधायक ही भोजन का स्वाद लेने पहुंचे थे।
बिना खाए ही निकल गए सीएम नीतीश
सूत्र बता रहे हैं कि नाराज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना खाए निकल गए। हालांकि, कुछ मिनट वो विधायकों का इंतजार भी किए। उनके जाने के बाद कई और विधायक भी आए। मगर, तब भी 9 विधायक गायब ही रहे। अब तक तो विपक्ष की ओर से दावे ही किए जाते रहे थे, मगर पहली बार श्रवण कुमार ने राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद के कारनामों का जिक्र करते कहा कि विधायकों को प्रलोभन देकर खरीदने की कोशिश हो रही है। शुक्रवार के जुटान में 9 विधायकों के न पहुंचने के बाद मामला काफी गरम हो गया।
बिहार विधानसभा का मैजिक नंबर जो देगा सत्ता की चाबी
राजद के पास 79 विधायक हैं, वहीं बीजेपी के पास विधायकों की संख्या 78 है, जदयू के पास 45 विधायक हैं, कांग्रेस के 19 विधायक, सीपीआई (एम-एल)- 12, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा- 4, सीपीआई- 2,सीपीआई (एम)- 2, एआईएमआईएम- 1 और 2 निर्दलीय हैं।
नीतीश कुमार की जदयू और भाजपा के पास कुल मिलाकर 123 विधायक हैं। यह सरकार बनाने के लिए बहुमत के आंकड़े से केवल एक अधिक है। 243 विधानसभा सीट वाली बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरुरत होती है।
बिहार में NDA यानि BJP और JDU को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) का भी समर्थन प्राप्त है। जिसके 4 विधायक हैं। NDA को एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त है। इस तरह बीजेपी-जदयू के गठबंधन के पास 128 विधायक हैं। मतलब NDA आसानी से बहुमत साबित करने की स्थिति में है।