Prohibitory Order in Manipur : मणिपुर सरकार ने नए सिरे से हिंसा के बाद चुराचांदपुर (Churachandpur News) जिले में दो महीने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश (prohibitory order under section 144) लागू किया है। एक आधिकारिक आदेश जारी कर इस संबंध में जानकारी दी गई है।
इस पूर्वोत्तर राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस साल मई के बाद से जातीय संघर्ष जारी है। चुराचांदपुर जिले में सोमवार को खासतौर पर थिंगकांगफई (Manipur News) गांव में कई स्थानों पर हिंसा की छिटपुट घटनाएं दर्ज की गईं।
जिला मजिस्ट्रेट ने एक आदेश में कहा है कि ‘‘लोगों के दो समूहों के बीच टकराव के कारण शांति भंग होने की आशंका अब भी है और स्थिति अभी तनावपूर्ण है।’’
18 फरवरी 2024 तक यह आदेश लागू
बता दें कि ये निषेधाज्ञा आदेश सोमवार को लागू किया गया था और यह 18 फरवरी 2024 तक लागू रहेगा। इस आदेश के तहत पांच और उससे अधिक लोगों के इक्कठा होने और हथियार रखने पर मनाही रहेगी।
जिला मजिस्ट्रेट धारुन कुमार एस. ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए सभी प्रयास किए हैं।
ऐसे भड़की थी जातीय हिंसा
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय (meitei community) की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के बाद जातीय हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
मणिपुर में 53 फीसदी मैतेई, 40 फीसदी नागा-कुकी आदिवासी
बता दें कि मणिपुर की आबादी (Manipur Population) में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है। मैतेई समुदाय के लोग ज्यादातर इम्फाल घाटी (Imphal Valley) में रहते हैं, जबकि नागा (Naga tribe) और कुकी (Kuki tribe) जैसे आदिवासी समूह 40 प्रतिशत हैं और वह मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।