Urine Infection: कोरोना के बाद संक्रमण शब्द खूब चलन में है। एक वजह यह भी है, जिसने कोरोना संक्रमण से दुनिया के हालात खराब किए हैं। लेकिन केवल हवा में तैरता संक्रमण हानिकारक नहीं होता है। आसपास की सतह पर मौजूद बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण गंभीर प्रकृति के होते हैं। लोग रुटीन में बाथरूम का इस्तेमाल करते हैं। हर दिन पेशाब करने के लिए शौचालय जाएं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस पेशाब में आप फ्रेश होने वाले हैं। वह कितना संक्रमण से भरा हो सकता है? आइए आज जानने की कोशिश करते हैं कि क्या यहां जाने से गंभीर खतरा हो सकता है या नहीं?
महिलाओं में यूरिन इन्फेक्शन ज्यादा होता है
यूटीआई या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन महिलाओं की सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। हालांकि यह समस्या पुरुषों में भी आमतौर पर देखी जाती है। लेकिन अधिकांश आबादी महिलाओं की ही है। अंदरूनी हिस्से में जलन, दर्द, पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द हो सकता है। इस तरह की समस्या महिलाओं को काफी परेशान करती है।
टॉयलेट सीट पर ज्यादा देर तक नहीं टिकते बैक्टीरिया
डॉक्टरों का कहना है कि टॉयलेट सीट या सतहों पर बैक्टीरिया ज्यादा देर तक जीवित नहीं रह पाते हैं. इसके अलावा महिला का पेशाब वाला हिस्सा भी टॉयलेट सीट के सीधे संपर्क में नहीं आता है। यही वजह है कि टॉयलेट सीट को सीधे तौर पर संक्रमण का मुख्य कारण नहीं माना जा सकता है. इसके बावजूद लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है।
लेकिन खतरा है
डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि पेशाब वाला हिस्सा टॉयलेट सीट के संपर्क में नहीं आता है, ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है. संक्रमण के कुछ अन्य कारण भी शामिल हो सकते हैं। जांघ या अंदरूनी अंग पर किसी तरह का घाव या इंफेक्शन हो तो यहां जरा सा भी गंदा पानी आने पर भी इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा कुछ लोग सफाई में भी लापरवाही करते हैं। इससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
यूटीआई संक्रमण को कैसे पहचानें
यूटीआई संक्रमण को पहचानने की भी जरूरत है। यूरिन इन्फेक्शन के बाद कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। इनमें अधिक पेशाब आना, पेशाब करते समय जलन होना, पेशाब में झाग बनना, बार-बार पेशाब आना, बहुत कम पेशाब आना और पेशाब में दुर्गंध आना शामिल हैं। ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत इलाज की जरूरत है।