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Tuesday, March 18, 2025
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मायावती के जन्मदिन पर BSP का मिशन 2027, यूपी में नई सियासी रणनीति की शुरुआत

BSP’s Mission 2027: बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती का 15 जनवरी का जन्मदिन इस बार सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए नई राजनीतिक रणनीति की शुरुआत का प्रतीक होगा। मायावती 15 जनवरी को अपने जन्मदिन पर ‘मिशन 2027’ की शुरुआत करेंगी। इस अभियान के तहत पार्टी UP में अपनी खोई हुई सियासी जमीन वापस पाने की कोशिश करेगी। पुराने चेहरों की वापसी, बामसेफ को सक्रिय करना और मार्च तक रणनीति में तेजी लाना इस मिशन के अहम कदम होंगे। मायावती के जन्मदिन को पार्टी “जनकल्याणकारी दिवस” के रूप में मनाती है।

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मायावती के जन्मदिन पर BSP ने एकजुटता का संदेश

इस बार यह दिन और भी खास होगा क्योंकि BSP अपने राजनीतिक पुनरुद्धार की शुरुआत करेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि ‘मिशन 2027’ के तहत चुनावी रणनीतियों में तेजी लाई जाएगी। मार्च तक इस अभियान को और गति दी जाएगी, जिससे पार्टी का संगठनात्मक ढांचा मजबूत हो सके।इसमें नए लोगो को भी जोड़ा जाएगा।इसकी जिम्मेदारी जिलाध्यक्षो को दी गई है। BSP लगातार कमज़ोर हो रही है, उसके वरिष्ठ नेता इधर उधर दूसरी पार्टियों में शामिल हो गए ,जिन्होंने कभी BSP को उत्तर प्रदेश की सत्ता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

नई राजनीति की दिशा

इसके साथ ही, बामसेफ (बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटी एम्प्लॉइज फेडरेशन) को भी फिर से सक्रिय करने की योजना बनाई जा रही है।2012 के बाद से लगातार कमजोर हो रही BSP अब अपनी खोई हुई जमीन तलाशने में जुट गई है। पार्टी ने 2022 विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया था। ‘मिशन 2027’ के तहत पार्टी दलित, OBC और मुस्लिम समुदाय को फिर से अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी।

बीएसपी का मिशन 2027

इस मिशन के जरिए पार्टी के पुराने नेताओं की वापसी की मुहिम भी चलाई जाएगी।बसपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती भाजपा और सपा जैसे दलों से सीधी टक्कर लेने की है। BJP ने अपने व्यापक संगठन और हिंदुत्व की विचारधारा के सहारे प्रदेश में मजबूत पकड़ बनाई है, जबकि सपा ने ओबीसी और मुस्लिम वोटबैंक पर अपनी पकड़ बनाए रखी है। इन परिस्थितियों में बसपा के लिए नई रणनीति के साथ मैदान में उतरना जरूरी है।

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