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Friday, April 18, 2025
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Tungnath Temple: मन की शांति के लिए घूमे तुंगनाथ मंदिर, ऊंचाई पर बसे हैं भगवान शिव जानिए पहुंचने का तरीका

Tungnath Temple: सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है. 4 जुलाई से सावन है जो रक्षाबंधन तक चलेगा. सावन को भगवान भोलेनाथ की आराधना का त्योहार माना जाता है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है। भक्त शिव मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं। भारत Tungnath Temple में 12 ज्योतिर्लिंग, कई प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक हर राज्य में भक्तों की आस्था से जुड़े शिव मंदिर हैं। भोलेनाथ के कई मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैं।

धार्मिक यात्रा के लिए बेस्ट है तुंगनाथ मंदिर

Sawan 2023: Tungnath Temple Is Situated at Highest in World Know How to Reach Here

कैसे पहुंचे

भगवान शिव का प्राचीन तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में ऊंचे पर्वत पर स्थित है। तुंगनाथ मंदिर महादेव के पंच केदारों में से एक है, जो चारों तरफ से बर्फ से ढका रहता है।

मंदिर का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि तुंगनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों ने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए किया था। कहा जाता है कि कुरूक्षेत्र में हुए नरसंहार से शिवजी पांडवों से नाराज थे, इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए इस खूबसूरत जगह पर शिवशंभू का मंदिर बनवाया गया था।

मां पार्वती की तपस्या

स्थानीय लोगों का कहना है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए इसी स्थान पर तपस्या की थी। मंदिर से जुड़ी एक किंवदंती यह भी है कि भगवान राम ने रावण का वध करने के बाद खुद को ब्रह्महत्या के श्राप से मुक्त करने के लिए इसी स्थान पर तपस्या की थी। इसी कारण इस स्थान को चंद्रशिला भी कहा जाता है।

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