UP Flood 2025: उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। लगातार बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से राज्य के 21 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। कई गांव जलमग्न हो गए हैं और हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी राहत एजेंसियों को अलर्ट मोड पर डाल दिया है। अब तक 1,72,255 लोगों तक मदद पहुंचाई गई है और 38,615 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है।
सबसे ज्यादा असर गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, भदोही, बांदा, चित्रकूट और वाराणसी जैसे जिलों में देखने को मिला है, जहां गंगा, गोमती और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। कई मंदिर, घर और स्कूल पानी में डूब चुके हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग नावों के सहारे आवाजाही कर रहे हैं और हजारों लोग स्कूलों व सरकारी भवनों में बनाए गए राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
UP सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 14, एसडीआरएफ की 15 और पीएसी की 48 टीमें तैनात की हैं। इन 77 टीमों को बाढ़ग्रस्त इलाकों में लगातार पेट्रोलिंग और बचाव कार्य करने का निर्देश दिया गया है। अब तक 1.20 लाख से अधिक फूड पैकेट और 1.63 लाख लंच पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। इसके अलावा करीब 20,000 मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
UP मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया और आगरा के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रयागराज और कौशांबी के राहत शिविरों का निरीक्षण किया। कैबिनेट मंत्री एके शर्मा ने भदोही में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और पांच मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। वाराणसी में प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना और विधायक नीलकंठ तिवारी ने राहत शिविरों का दौरा कर बच्चों को चॉकलेट और बिस्किट बांटे।
सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि हर जरूरतमंद तक राहत पहुंचेगी और कोई भी व्यक्ति बेसहारा नहीं रहेगा। साथ ही अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।