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Monday, October 7, 2024
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पार्षद राजीव शर्मा के आगे क्यों नतमस्तक हुई बीजेपी ?

गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम में निगम उपाध्यक्ष रहे पार्षद राजीव शर्मा के आगे आखिरकार पूरी बीजेपी को झुकना पड़ा। पार्टी के उन्हें निगम कार्यकारिणी सदस्य नहीं बनाने के फैसले पर उनके अडियल रवैये के आगे पार्टी के स्थानीय नेताओं को आखिरकार झुकना पड़ा।

इसी के चलते निगम में पूर्व की तरह चार की बजाय बीजेपी ने पांच कार्यकारिणी सदस्यों को उतारा। हालाकि पांचों बीजेपी पार्षदों के अलावा एक निर्दलीय पार्षद का निर्विरोध चयन हो गया। लेकिन लोग इस बात पर खासे हैरान हैं कि एक पार्षद की हठधर्मिता के आगे पार्टी के तमाम नेता आखिर कैसे नतमस्तक हो गए।

मंगलवार को निगम बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में बीजेपी की ओर से निगम कार्यकारिणी के लिए पांच प्रत्याशियों के नाम का प्रस्ताव रखा गया। जबकि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में कार्यकारिणी के लिए एक प्रस्ताव रखा गया। सभी को निर्विरोध चुन लिया गया।
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ये बने कार्यकारिणी सदस्य
पार्षद राजीव शर्मा वार्ड 59(भाजपा)
पार्षद अमित त्यागी(मुदगल) वार्ड 47(भाजपा)
पार्षद नीरज गोयल वार्ड 88(भाजपा)
पार्षद नरेश भाटी वार्ड 74(भाजपा)
पार्षद पूनम सिंह वार्ड 15(भाजपा)
पार्षद नरेश जाटव वार्ड 27(निर्दलीय)

हंगामें की वजह से स्थगित हुई थी पहली बैठक

नगर निगम की बोर्ड की पूर्व में बुलाई गई बैठक में जैसे ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई थी छह पदों पर 10 पार्षदों के नामांकन पत्र भरने से हंगामा होने लगा था। भाजपा ने जहां पांच पार्षदों के नाम का प्रस्ताव बैठक में रखा था,

वहीं बीजेपी के आठ पार्षदों ने नामांकन कर दिया। दो निर्दलीय पार्षदों में से योगेंद्र सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया। लेकिन भाजपा के तीन पार्षद अड़ गए। इनमें राजीव शर्मा, नीलम भारद्वाज के अलावा बीजेपी पार्षद संजय सिंह थे।

जब इन लोगों ने नाम वापस नहीं लिया तो महापौर ने चेतावनी दी कि उन्हें शाम तक पार्टी से निकाल दिया जाएगा। भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के समझाने पर नीलम भारद्वाज और संजय त्यागी भी मान गए, मगर राजीव शर्मा नहीं माने।

23 जून को पूरा हो गया था छह सदस्यों का कार्यकाल

नगर निगम की बोर्ड कार्यकारिणी में शामिल 12 में से छह सदस्यों का कार्यकाल 23 जून को पूरा हो चुका है। एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर छह सदस्यों के नाम की पर्ची पांच जुलाई को निकाली गई थी,

जिसमें बोर्ड कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, वसुंधरा जोन के वार्ड-89 के भाजपा पार्षद राजकुमार सिंह, वसुंधरा जोन के वार्ड-76 के भाजपा पार्षद गौरव सोलंकी, सिटी जोन के वार्ड-33 के निर्दलीय पार्षद धीरेंद्र यादव, मोहननगर जोन के वार्ड-90 के सपा पार्षद आदिल मलिक और मोहननगर जोन की भाजपा पार्षद रेखा गोस्वामी कार्यकारिणी से बाहर हो गए थे।

इनके स्थान पर छह नए सदस्यों का चुनाव होना था। मगर, राजीव शर्मा ने दोबारा नामांकन करके न सिर्फ विवाद खड़ा कर दिया, बल्कि पार्टी के तमाम पदाधिकारियों को भी झुकने को मजबूर कर दिया। अब ये सवाल हर कोई कर रहा है कि आखिर क्या वजह है पूरी पार्टी के एक पार्षद के आगे नतमस्तक होने की ?

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