लाल बहादुर शास्त्री: सादगी, सदाचार और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक
लखनऊ: 2 अक्टूबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए उनके महान योगदान को याद किया। मुख्यमंत्री ने शास्त्री भवन पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने शास्त्री जी को सादगी, सदाचार, शुचिता और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक बताया।
मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर लिखा कि लाल बहादुर शास्त्री न केवल भारतीय राजनीति में सादगी और उच्च विचार के आदर्श थे, बल्कि उन्होंने ‘जय जवान, जय किसान’ के उद्घोष से देश में नवचेतना का संचार किया। शास्त्री जी ने भारतीय किसानों और जवानों को प्रेरित किया, जिससे देश ने आंतरिक और बाहरी दोनों चुनौतियों का मजबूती से सामना किया।
शास्त्री जी: लोकतंत्र की पाठशाला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शास्त्री जी के व्यक्तित्व और कर्तव्यों की सराहना करते हुए कहा कि वह भारतीय लोकतंत्र के एक आदर्श नेता थे। उन्होंने शास्त्री जी को “लोकतंत्र की पाठशाला” कहते हुए उनके नेतृत्व और निष्ठा की तारीफ की। योगी जी ने लिखा कि शास्त्री जी ने अपने पूरे जीवन में सादा जीवन, उच्च विचार को अपनाया और अपने सिद्धांतों से भारतीय राजनीति को नई दिशा दी।
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शास्त्री जी का सादा जीवन और उनके उच्च आदर्श हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनसे देश को आत्मनिर्भरता और सुरक्षा की दिशा में मजबूती मिली। उनका ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था।
सादगी और समर्पण का प्रतीक: लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री का जीवन सादगी और समर्पण का प्रतीक था। एक साधारण परिवार से आने वाले शास्त्री जी ने अपनी ईमानदारी, निष्ठा और कड़ी मेहनत से भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। उनकी निष्ठा और सेवा भावना उन्हें भारतीय राजनीति में एक उच्च स्थान दिलाती है। शास्त्री जी का जीवन उन सभी लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो देश सेवा और जनता की भलाई के लिए कार्य करते हैं।
शास्त्री जी ने अपने छोटे से कार्यकाल में भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दी और देश की सेवा को अपने जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य माना। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और नेतृत्व क्षमता ने भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई।
‘जय जवान-जय किसान’ का उद्घोष और नवचेतना का संचार
लाल बहादुर शास्त्री का सबसे बड़ा योगदान उनके ‘जय जवान-जय किसान’ के नारे के रूप में देखा जाता है। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जब देश को एकता और साहस की आवश्यकता थी, तब शास्त्री जी ने यह नारा दिया, जिसने देश के जवानों और किसानों को नई प्रेरणा दी। इस नारे ने न केवल भारतीय सेना को प्रोत्साहित किया बल्कि किसानों को भी आत्मनिर्भरता और विकास की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस नारे की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि शास्त्री जी ने इस उद्घोष से राष्ट्र में नवचेतना का संचार किया। यह नारा आज भी भारतीय राजनीति और समाज में उतना ही प्रासंगिक है और लोगों को आत्मनिर्भरता और सेवा की भावना से प्रेरित करता है।
शास्त्री जी का नेतृत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा
लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान देश को मजबूत और सुरक्षित बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने देश का सफल नेतृत्व किया और दुश्मन देश को कड़ा जवाब दिया। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने साहस और पराक्रम का परिचय दिया, जिससे भारत की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर शास्त्री जी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनका दृढ़ नेतृत्व और निर्णय क्षमता भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में सहायक रही। शास्त्री जी ने देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा और यह सुनिश्चित किया कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा में सक्षम रहे।
शास्त्री जी का सादा जीवन और महान विचार
लाल बहादुर शास्त्री ने अपने जीवन में सादा जीवन, उच्च विचार के सिद्धांत को पूरी तरह अपनाया। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने अपने जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार की भव्यता या विशेषाधिकार की मांग नहीं की। उनका जीवन सादगी और ईमानदारी का आदर्श उदाहरण था, जिसे हर भारतीय को अपनाने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
शास्त्री जी का मानना था कि सादगी और ईमानदारी ही किसी व्यक्ति के जीवन का सबसे बड़ा आभूषण हैं। उन्होंने अपने पूरे जीवन में इन सिद्धांतों को अपनाया और देशवासियों को भी इन्हीं गुणों को अपनाने की प्रेरणा दी। उनका जीवन और उनके विचार आज भी हर व्यक्ति के लिए एक मार्गदर्शक हैं।
योगी आदित्यनाथ का शास्त्री जी के प्रति सम्मान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाल बहादुर शास्त्री के प्रति अपने गहरे सम्मान को व्यक्त करते हुए कहा कि शास्त्री जी भारतीय राजनीति के महान नेता थे जिन्होंने देश की सेवा और कल्याण को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। उनके नेतृत्व और निष्ठा ने भारत को एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में मदद की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्री जी का जीवन और उनके विचार हमें यह सिखाते हैं कि सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा ही किसी भी समाज और राष्ट्र की प्रगति का मार्ग हैं। हमें शास्त्री जी के आदर्शों को अपनाकर देश की सेवा और समाज की भलाई के लिए काम करना चाहिए।
समारोह में प्रमुख नेताओं की उपस्थिति
लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, लालजी प्रसाद निर्मल, मुख्य सचिव मनोज सिंह और अन्य प्रमुख नेता और अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने शास्त्री जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके महान योगदान को याद किया।
समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें शास्त्री जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपने जीवन में सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को अपनाना चाहिए। शास्त्री जी ने जो मार्ग दिखाया है, वह आज भी हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है और हमें उनके विचारों को आगे बढ़ाना चाहिए।
शास्त्री जी की विरासत और उनकी प्रासंगिकता
लाल बहादुर शास्त्री का जीवन और उनका योगदान आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था। उन्होंने देश को न केवल आर्थिक और सुरक्षा के मोर्चे पर आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि समाज में सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश भी दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शास्त्री जी की विरासत हमें यह सिखाती है कि सादगी और निष्ठा के साथ ही समाज और राष्ट्र की प्रगति संभव है। शास्त्री जी के विचार और उनके आदर्श हर भारतीय के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं और हमें उनके बताए रास्ते पर चलकर भारत को एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है।
निष्कर्ष
लाल बहादुर शास्त्री का जीवन एक प्रेरणा है, जिसमें सादगी, ईमानदारी और निष्ठा का महत्व सर्वोपरि है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए उनके आदर्शों और विचारों की प्रासंगिकता पर जोर दिया। शास्त्री जी का ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा और उनके नेतृत्व में लिए गए फैसले भारतीय समाज और राजनीति में आज भी प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।