Lokbandhu Hospital fire: लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में सोमवार की रात लगी आग को लेकर जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रतन पाल सिंह सुमन ने बताया कि शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना को नकारते हुए यह पाया गया है कि आग सिगरेट से लगी थी। हालांकि जांच अभी पूरी नहीं हुई है और छह दिन बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।
इस घटना ने अस्पताल की सामान्य चिकित्सा सेवाओं को प्रभावित कर दिया था। आग की वजह से अस्पताल के आईसीयू और महिला मेडिसिन वार्ड पूरी तरह से प्रभावित हुए, जिससे 253 मरीजों को अन्य अस्पतालों में शिफ्ट करना पड़ा। मंगलवार को इमरजेंसी और ओपीडी सेवाएं किसी तरह शुरू की गईं, जबकि स्त्री एवं प्रसूति विभाग बंद रहा और सभी ऑपरेशन स्थगित कर दिए गए।
गुरुवार को अस्पताल की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार देखा गया। लगभग 1400 मरीजों ने ओपीडी में इलाज करवाया और 45 मरीजों को भर्ती किया गया। पैथोलॉजी विभाग में भी फिर से काम शुरू हो गया है, जहां 389 मरीजों के सैंपल लिए गए। शुक्रवार तक कुछ और मरीजों को भर्ती किया गया और खून की जांच जैसी सेवाएं भी सामान्य हो गईं।
गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए गाइनी ओटी भी दोबारा शुरू कर दी गई है। इमरजेंसी ऑपरेशन थियेटर में सिजेरियन और सामान्य डिलीवरी की प्रक्रिया फिर से शुरू हो चुकी है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर के अनुसार, आने वाले दो दिनों में आर्थोपेडिक ओटी भी चालू कर दी जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए सात सदस्यीय जांच समिति गठित की है। यह समिति आग के कारणों, धुएं के फैलाव, जले हुए सामान, चश्मदीदों के बयान और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कर रही है। इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि आग लापरवाही से लगी या जानबूझकर।
अस्पताल प्रशासन अब पुनः सभी सेवाओं को बहाल करने में जुटा है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर रहा है।