UP govt colleges: उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से राज्य में एक साथ 71 नए राजकीय महाविद्यालयों की शुरुआत की जाएगी। यह पहला अवसर है जब इतने अधिक सरकारी कॉलेज एक साथ खोले जाएंगे। इन महाविद्यालयों के संचालन के लिए 1562 नए पदों की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें से 1065 पद असिस्टेंट प्रोफेसर के होंगे। आदेश बहुत जल्द जारी होने की संभावना है।
फिलहाल उच्च शिक्षा निदेशालय UP के अधिकारी पहले से ही 40 से अधिक महाविद्यालयों का अधिग्रहण कर चुके हैं और उनमें जरूरी संसाधन जैसे फर्नीचर और अन्य सुविधाएं जुटाने का कार्य तेजी से जारी है। जब तक नियमित नियुक्तियां नहीं होतीं, तब तक अन्य कॉलेजों के शिक्षकों को अस्थायी रूप से संबद्ध किया जाएगा ताकि कक्षाओं का संचालन बाधित न हो।
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत इन नए महाविद्यालयों में विज्ञान, वाणिज्य और कला—तीनों संकायों की पढ़ाई कराई जाएगी। इससे छात्रों को बहुविषयी अध्ययन का अवसर मिलेगा। पहले संचालित 172 राजकीय महाविद्यालयों में अधिकांश में एक या दो ही संकाय उपलब्ध थे, लेकिन अब विद्यार्थियों को विषयों के चयन में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। उदाहरण के लिए, विज्ञान का छात्र यदि संस्कृत पढ़ना चाहे तो उसे वह सुविधा प्राप्त होगी।
क्षेत्रवार देखें तो सबसे अधिक 13 महाविद्यालय बरेली में खुलेंगे। इसके बाद लखनऊ में 12, मेरठ में 10, आगरा और झांसी में नौ-नौ, तथा गोरखपुर में चार कॉलेज शुरू होंगे। प्रयागराज में दो नए राजकीय कॉलेज मिलेंगे—एक परासिनपुर, फूलपुर में महिला कॉलेज और दूसरा मेजा में। कौशांबी के सिराथू में भी एक महाविद्यालय स्थापित होगा।
पहले योजना थी कि इन कॉलेजों को पीपीपी मॉडल पर संचालित किया जाएगा, लेकिन बाद में UP सरकार ने स्वयं संचालन की जिम्मेदारी लेने का निर्णय लिया।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत इन सभी कॉलेजों को नए सत्र से शुरू किया जाएगा। पद सृजन प्रक्रिया अंतिम चरण में है और सभी जरूरी संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है। यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगी।