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Thursday, December 5, 2024
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कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाएगा काल भैरव जयंती, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और नियम

Kaal Bhairav Jayanti 2024: हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव के काल भैरव स्वरूप की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि काल भैरव जी की पूजा करने से सभी नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही व्यक्ति को सभी तरह के भय से मुक्ति मिलती है। वहीं इस साल काल भैरव जयंती 22 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी, तो चलिए जानते हैं भगवान काल भैरव की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा से जुड़े नियमों के बारे में..

काल भैरव जयंती का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 नवंबर 2024 को शाम 6:07 बजे शुरू होगी. मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 23 नवंबर को शाम 7:56 बजे समाप्त होगी. काल भैरव जी की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:54 से 5:48 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:36 से दोपहर 12:19 बजे तक रहेगा। अमृत काल दोपहर 3:27 से शाम 5:10 बजे तक रहेगा।

काल भैरव जयंती के दिन इन नियमों का जरुर करें पालन

  • काल भैरव जयंती पर भगवान काल भैरव के साथ भोलेनाथ की पूजा करें।
  • इस दिन कुत्तों को मीठी रोटी और दूध खिलाएं। काले कुत्ते को काल भैरव का वाहन माना जाता है।
  • काल भैरव जयंती के दिन भैरव बाबा को नीले फूल, फल, मिठाई और सरसों का तेल चढ़ाएं।
  • काल भैरव जयंती के दिन सरसों का तेल, फल, नमक और काले तिल का दान करें।
  • इस दिन भैरव बाबा की मूर्ति या चित्र के सामने तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक या भैरव चालीसा का पाठ करें।

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