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Wednesday, September 18, 2024
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स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर किया सनातन का अपमान, इस बार मां लक्ष्मी पर विवादित बयान

स्वामीप्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने जिस तरीके से पिछले कुछ दिनों में सनातन के खिलाफ बयानबाजी की है. उससे एक राजनीतिक बू आती है. लेकिन यही सियासी चाल उनके राजनीतिक करियर के अंत का कारण भी बन सकती है. क्योंकि भारत में सनातन परंपरा को अनाप-शनाप बोलना और रोज बोलना जनता कब तक बर्दाश्त करेगी.

पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भगवान राम से लेकर रामचरितमानस तक पर सवाल उठाए लेकिन अब तो हद ही हो गई है. जिस तरीके की बात स्वामी प्रसाद मौर्य ने मां लक्ष्मी को लेकर की है. उसे पचा पाना आसान नहीं है. उन्होंने दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा व सम्मान करते हुए कहा कि,

पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ,आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी है क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है.

पहले भी स्वामीप्रसाद मौर्य ने दिये विवादित बयान

ये कोई पहली बार नहीं है जब स्वामीप्रसाद मौर्य ने इस तरह की बात की हो. इससे पहले भी वो लगातार सनातन पर जुबानी आघात करते रहे हैं. स्वामी प्रसाद मौर्या पहले भी हिंदू धर्म और देवी देवताओं को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं. कुछ दिन पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को धोखा बताया था. राराष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव के एक कार्यक्रम में रामायण की एक चौपाई पढ़कर मौर्य ने जो विवादित बयान दिया, उसने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का ढोंग रचकर युवाओं और देश के लोगों को ठगने का काम कर रही है.

कुछ दिन पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य को हाईकोर्ट से झटका लगा था. कोर्ट ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाए जाने के मामले में राहत देने से मना कर दिया. कोर्ट ने पर्याप्त सबूत होने के चलते मुकदमा खारिज न कर, आगे की कार्रवाई की बात कही थी. स्वामी प्रसाद मौर्य ने मामले में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की एक अदालत में उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी.

अकेले स्वामी प्रसाद मौर्य ही नहीं स्टालिन के बेटे से लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर तक इस फहरिस्त में शामिल हैं. जो सनातन के खिलाफ बोलकर वोट बटोरना चाहते हैं. लेकिन आप बताइए कि किसी धर्म को नीचा दिखाकर वोट लेना क्या सही है. इसके अलावा इन नेताओं को क्या लगता है कि भारत में सनातन को बदनाम करके आप कितने वोट ले सकते हैं.

कांग्रेस नेता ने साधा निशाना

ये सब लोग मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ एक गठबंधन बनाने की कोशिश में हैं लेकिन उसी गठबंधन की सबसे मजबूत पिलर कांग्रेस के नेता ने ऐसे नेताओं को गठबंधन से बाहर करने तक की बात कह डाली है. कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि,

सनातन धर्म के खिलाफ जो बोलता है, जो सनातन के खिलाफ है वो भारत के भी खिलाफ है, क्योंकि सनातन के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती. सनातन के खिलाफ बोलने वाले रावण के वंशज है, इनका सर्वनाश सुनिश्चित है. मैं तो इंडिया गठबंधन के तमाम वरिष्ठ नेताओं से ये अपील करना चाहता हूं कि उन्हें सनातन के खिलाफ बोलने वाले राजनेता को राजनीतिक दलों को इंडिया गठबंधन से बाहर कर देने चाहिए.

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