Aligarh accident: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में बुधवार सुबह एक गंभीर सड़क हादसे में फिरोजाबाद पुलिस की एक वैन सड़क किनारे खड़े एक कैंटर से टकरा गई। यह दुर्घटना लोधा थाना क्षेत्र के चिकाबटी गांव के पास हुई, जब पुलिस टीम एक कैदी को लेकर फिरोजाबाद से बुलंदशहर जा रही थी। हादसे में एक दारोगा, दो सिपाही और कैदी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें तुरंत जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
- विज्ञापन -उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भीषण हादसा। पुलिस की गाड़ी हाईवे पर खड़े कैंटर में घुसी। एक मुल्जिम और तीन पुलिसकर्मियों की मौत हुई। ये पुलिसकर्मी एक मुल्जिम को फिरोजाबाद से बुलंदशहर लेकर जा रहे थे। pic.twitter.com/4Dn50kJYQV
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) May 8, 2025
भोर में हुआ हादसा, मौके पर फैली अफरा-तफरी
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह हादसा सुबह के वक्त हुआ, जब सड़क पर ट्रैफिक सामान्य था। Aligarh पुलिस वैन तेज गति में थी और अचानक सामने खड़े कैंटर से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि वैन का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। आसपास के लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही लोधा थाना पुलिस और अलीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।
Aligarh पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जांच में जुटी टीम
घटना की प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस ने कैंटर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आशंका जताई जा रही है कि तेज रफ्तार और लापरवाही इस हादसे की प्रमुख वजह रही। इसके अलावा पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या कैंटर सड़क किनारे गलत तरीके से खड़ा किया गया था। फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं। पुलिस वैन में सवार सभी कर्मियों की पहचान कर ली गई है और मृतकों के परिवारों को सूचित किया गया है।
Aligarh पुलिस विभाग में मातम, सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
इस दुर्घटना से पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई है। अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मृतक पुलिसकर्मियों को सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई दी जाएगी। उन्होंने कहा कि घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर सड़क किनारे खड़े भारी वाहनों और सरकारी वाहनों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।