Ghaziabad News: गाजियाबाद में एक जज और वकील के बीच बेल को लेकर हुई कहासुनी ने पूरे पश्चिमी यूपी के न्यायिक तंत्र में भूचाल ला दिया है। एक मामूली विवाद ने ऐसा रुख ले लिया कि कोर्ट में लाठीचार्ज तक करना पड़ा और इसके बाद से ही वकीलों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। अब यह गुस्सा सिर्फ कोर्ट परिसर तक सीमित नहीं रहा। पूरे 22 जिलों के वकील एकजुट होकर रोजाना दो घंटे सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं।
मांगें सिर्फ एक विवाद तक सीमित नहीं हैं। आंदोलन में वकीलों का आक्रोश खुलकर सामने आ रहा है।इस हड़ताल को अब पश्चिमी यूपी के 22 जिलों के वकीलों का समर्थन मिल रहा है और वकीलों ने इस मामले में आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है।
वकीलों का बड़ा फैसला: रोजाना 2 घंटे सड़क जाम करेंगे
शुक्रवार को पश्चिमी यूपी के 22 जिलों के वकीलों की एक अहम बैठक हुई, जिसमें दो महत्वपूर्ण फैसले किए गए। इसमें तय किया गया कि सोमवार से हर जिले में वकील प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से दो बजे तक सड़क जाम करेंगे। इसके जरिए वे अपनी मांगों को मजबूत तरीके से सामने रखेंगे और जज-वकील विवाद में अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
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हाई कोर्ट बेंच की भी उठी मांग
इस आंदोलन के दौरान वकीलों ने पश्चिमी यूपी में हाई कोर्ट बेंच की भी मांग की है। उनका कहना है कि लंबे समय से इस क्षेत्र में हाई कोर्ट बेंच की जरूरत महसूस की जा रही है जिससे आम जनता को न्याय मिलने में सुविधा होगी। इस मांग को लेकर भी वकीलों का विरोध तेज होता जा रहा है।
आंदोलन की कमान गाजियाबाद बार एसोसिएशन के हाथों में
इस मामले में अब केंद्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष रोहिताश अग्रवाल के सभी प्रस्तावो के ठहरा दिया है और आंदोलन की सभी जिम्मेदारियां गाजियाबाद बार एसोसिएशन को सौंप दी गई हैं। इसका मतलब है कि अब गाजियाबाद से ही पूरे पश्चिमी यूपी के वकीलों के आंदोलन से जुड़े निर्णय लिए जाएंगे। गाजियाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि वकीलों ने एक कमिटी भी बनाई है, जो इस मामले को लेकर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति से मिलकर उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराएगी।
22 जिलों के वकीलों की बैठक
इस बैठक में गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, हापुड़, मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, अमरोहा, गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, शामली, बागपत, बिजनौर समेत पश्चिमी यूपी के 22 जिलों के वकील शामिल हुए। वकीलों ने एकजुट होकर यह निर्णय लिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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वकीलों की हड़ताल का असर
वकीलों की लगातार हड़ताल का असर कोर्ट के कामकाज पर भी पड़ रहा है। कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस भी सतर्क है। वकीलों ने साफ किया है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता और उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।