Bulandshahr News: स्याना तहसील क्षेत्र के गांव फरीदा बांगर में देखने को मिली भीमराव अंबेडकर की बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग.भीमराव अंबेडकर को लोग पयार से बाबा साहब के नाम से पूकारा करते थे. बताया जा रहा है कि वहा उनकी मूर्ति का उदघाटन बहुत जोरों शोरो से किया गया था. कार्यक्रम में पहुंचे केरल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि लैंगिक असमानता को खत्म करने में बाबा साहब का सबसे बड़ा योगदान है.
कौन थे बाबा साहब?
बाबा साहब वो माहानो की लिस्ट में सबसे पहले थे जिन्होने समाज से कुर्तियां को खत्म करने के लिए कानून बनाए थे। बाबा साहब के जीवन से हमे अपने जीवन काल में प्रेरणा लेनी चाहिए। केरल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बाबा साहब के जीवन काल मे उनका चरित्र बताते हुए कहा कि बाबा साहब ने अपना जीवन समाज को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने कई कुरीतियों को जड़ से खत्म कर समाज को नया रास्ता दिखाया। तीन दिवसीय दौरे पर बुलंदशहर पहुंचे केरल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का ग्रामीणों ने जोरदार तरीके से स्वागत किया था। मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में भाग लेने भारी संख्या में भीड़ पहुंची थी।
कया कहा केरल राज्यपाल ने ?
केरल राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा कि बाबा साहब ने समाज से कुरीतियों को दूर करने व समाज को आगे बढ़ाने के लिए ही जीवन जिया। उन्होंने समाज के बीच से असमानताओं को दूर कर दिया और लोगों की मानसिकताओं को बदलने के लिए अपने जीवन काल में बड़ा संघर्ष किया। समाज में फैली कुर्तियों को दूर कर समाज को एकजुट होकर आगे बढ़ने और शिक्षित होने का रास्ता दिखाया था। बाबा साहब ने लैंगिक असमानताओं को दूर किया था।
भारतीय संस्कृति में मूर्ति का बड़ा महत्व
केरल राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मूर्ति का बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा की मूर्ति के आगे सिर्फ हाथ जोड़ना ही नहीं बल्कि उन महान व्यक्ति द्वारा दिए गए बलिदानों और उनके द्वारा जिए गए जीवन को देखकर खुद को बेहतर बनाने का कार्य भी करें।