Jewar Semiconductor Unit: उत्तर प्रदेश के जेवर को देश के सेमीकंडक्टर मानचित्र पर नई पहचान मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने जेवर में एक अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर यूनिट को मंजूरी दी है। यह परियोजना भारत सेमीकंडक्टर मिशन के अंतर्गत एचसीएल और फॉक्सकॉन के संयुक्त सहयोग से विकसित की जाएगी। परियोजना का उद्देश्य न केवल देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता को सशक्त बनाना है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करना है।
टेक्नोलॉजी और उत्पादन क्षमता पर जोर
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत में अब तक पांच सेमीकंडक्टर यूनिट्स को स्वीकृति दी जा चुकी है, और छठी यूनिट जेवर में स्थापित की जा रही है। यह यूनिट तकनीकी दृष्टि से सबसे उन्नत होगी और इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ऑटोमोटिव और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए चिप्स का निर्माण किया जाएगा। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका को बढ़ाने के लिए यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
जेवर एयरपोर्ट के पास निर्माण, बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनने वाली यह यूनिट रणनीतिक दृष्टि से उपयुक्त स्थान पर होगी। इससे लॉजिस्टिक्स और ग्लोबल कनेक्टिविटी में सुविधा मिलेगी। पहले से ही जेवर क्षेत्र को औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, और इस परियोजना से क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को नया बल मिलेगा।
यूपी सरकार का सहयोग और नीति
उत्तर प्रदेश सरकार ने Jewar परियोजना को गति देने के लिए ‘सेमीकंडक्टर नीति 2024’ को लागू किया है, जिसके तहत निवेशकों को आकर्षक सुविधाएं दी जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रोजेक्ट को राज्य के औद्योगिक भविष्य के लिए ऐतिहासिक बताया है। भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासनिक प्रक्रियाओं तक, सब कुछ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
एचसीएल-फॉक्सकॉन की साझेदारी और रोजगार के अवसर
एचसीएल और फॉक्सकॉन की भागीदारी से बनने वाली यह यूनिट करीब 2,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देगी। फॉक्सकॉन की वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग विशेषज्ञता और एचसीएल की तकनीकी क्षमता का लाभ भारत को मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में 10% हिस्सेदारी हासिल करे, और जेवर की यह Jewar परियोजना इस दिशा में निर्णायक साबित हो सकती है।