Ghaziabad murder case: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में गुरुवार, 19 जून 2025 को हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। मुरादनगर पुलिस स्टेशन के ठीक बाहर रवि शर्मा नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह अपने पिता के साथ हमले की शिकायत दर्ज कराने गया था। हमलावर—अजय चौधरी और मोंटी—ने थाने के पास ही घात लगाकर रवि को बेहद नजदीक से गोली मार दी और फरार हो गए। यह पूरी वारदात कैमरे में कैद हुई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसने पुलिस की भूमिका और सुरक्षा इंतजामों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
गाजियाबाद की कानून व्यवस्था –
2 पक्षों में कार निकालने पर विवाद हुआ। अजय चौधरी और मोंटी ने रवि शर्मा के गेट पर 4 गोलियां मारी।
रवि और पिता शिकायत करने थाने में गए।
थाने के गेट पर अजय/मोंटी ने आकर रवि की गोली मारकर हत्या कर दी।
अजय पॉक्सो मामले में 15 दिन पहले जेल से आया है। https://t.co/SBS7Gffi8O pic.twitter.com/VjaIgHKstP
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) June 19, 2025
पहले से धमकी मिल रही थी, फिर भी कोई सुरक्षा नहीं
Ghaziabad घटना की शुरुआत एक कार को लेकर हुए विवाद से हुई थी, जो धीरे-धीरे हिंसा में बदल गया। आरोप है कि अजय चौधरी और मोंटी ने पहले ही रवि के घर पर गोलियां चलाई थीं। इसके बाद रवि और उसके पिता पुलिस की शरण में पहुंचे, लेकिन थाने के पास ही उनकी जान ले ली गई। खास बात यह है कि अजय हाल ही में POCSO एक्ट में दोषी पाए जाने के बाद जेल से रिहा हुआ था।
वीडियो फुटेज में रवि का शव काले कपड़े में लिपटा हुआ दिखाई दे रहा है, उसके आसपास मातम कर रहे परिवार वाले और गुस्साई भीड़ नजर आती है। पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे, जिससे लोगों का आक्रोश और बढ़ गया।
सोशल मीडिया पर गुस्से का विस्फोट
Ghaziabad घटना के तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पर गुस्से की लहर दौड़ गई। लोग सरकार और पुलिस प्रशासन को जमकर कोसने लगे। यूज़र अश्विनी यादव ने लिखा कि “जब अपराधियों को सजा नहीं मिलती, तो वे निडर होकर खून करते हैं।” वहीं शिवराज यादव ने मांग की कि “आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चले।”
बार-बार दोहराई जा रही घटनाएं, भरोसा टूट रहा है
Ghaziabad में थानों के पास इस तरह की घटनाएं अब अपवाद नहीं रहीं। कुछ हफ्ते पहले भी ऐसी ही एक हत्या हुई थी। रवि की हत्या ने इस ट्रेंड को और मजबूत किया है, जिससे साफ होता है कि अपराधी बिना किसी डर के खुलेआम वारदात कर रहे हैं।
अजय चौधरी जैसे अपराधी बार-बार जेल से छूटकर फिर से हिंसा में शामिल हो जाते हैं, जिससे लोग न्यायिक व्यवस्था पर भी सवाल उठाने लगे हैं।
अब पुलिस और सरकार के लिए परीक्षा की घड़ी
इस निर्मम हत्या के बाद अब सरकार और पुलिस प्रशासन पर भारी दबाव है। जनता त्वरित कार्रवाई और दोषियों को सख्त सजा की मांग कर रही है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और हत्यारों की तलाश जारी है, लेकिन जब तक अपराधियों को सजा नहीं मिलती और सिस्टम में सुधार नहीं होता, तब तक जनता का भरोसा बहाल करना मुश्किल है।
यह घटना न केवल एक हत्या है, बल्कि यह उस व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न भी है, जिसे नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि क्या सरकार और पुलिस इस विश्वासघात की भरपाई कर पाएंगे या नहीं।