Sambhal, Uttar Pradesh: संभल जिले के चंदौसी थाना क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन को भी हैरानी में डाल दिया। लक्षणगंज इलाके में नगर पालिका की लगभग 6 बीघा सरकारी भूमि पर कब्जा हटाने का अभियान चल रहा था। इसी अभियान के तहत जब अधिकारियों की नजर एक इंग्लिश मीडियम स्कूल पर पड़ी, तो उन्होंने उसे भी जांच के दायरे में ले लिया। स्कूल बाहर से एकदम चालू अवस्था में नजर आ रहा था — साफ-सुथरा बोर्ड, पेंट की गई दीवारें और बंद गेट। देखने से लगता था कि यहां नियमित रूप से पढ़ाई होती है।
लेकिन जब Sambhal SDM विनय मिश्रा और CO अनुज चौधरी ने स्कूल का दरवाजा खुलवाया, तो अंदर का दृश्य देखकर सभी दंग रह गए। कक्षाओं की जगह वहां कबाड़ और फालतू सामान भरा हुआ था। यहां तक कि कुछ जगहों पर जानवरों का गोबर भी मिला, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह भवन स्कूल न होकर किसी अन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल हो रहा था।
Sambhal अधिकारियों का कहना है कि यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि यह स्कूल एक सरकारी ज़मीन पर बना था और उसका इस्तेमाल शिक्षा के लिए नहीं हो रहा था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस भवन का उपयोग किसी और गतिविधि के लिए हो रहा था और क्या इसके पीछे कोई संगठित प्रयास था?
इस पूरी कार्रवाई के दौरान लगभग 33 अवैध मकानों और एक कथित मस्जिद पर भी बुलडोज़र चलाया गया। मस्जिद और आस-पास के अतिक्रमण को हटाने के बाद ही अधिकारियों की नजर इस कथित स्कूल पर गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा फैला हुआ था।
Sambhal SDM मिश्रा ने तत्काल स्कूल के मालिकाना हक, पंजीकरण और पिछले कुछ वर्षों की गतिविधियों की जांच के आदेश दे दिए हैं। उनका कहना है कि अगर यह पाया गया कि स्कूल केवल नाम का था और इसके पीछे कोई धोखाधड़ी छुपी हुई थी, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न सिर्फ अतिक्रमण पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र की आड़ में अनियमितताएं फल-फूल रही हैं।