भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था सात फीसदी की विकास दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है। पहले चालू वित्त वर्ष में इसके 7.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक में कहा कि ग्रामीण मांग में तेजी बनी हुई है, जबकि शहरी खपत मजबूत प्रदर्शन दिखा रही है और निवेश चक्र में पूंजीगत व्यय गति पकड़ रहा है।
निजी निवेश में तेजी आने के संकेत
गवर्नर दास ने कहा कि निजी निवेश में बढ़ोतरी का संकेत मिल रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में इसके जीडीपी के सात फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। जून तिमाही में देश की विकास दर 7.2 फीसदी और सितंबर तिमाही में 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है।
विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब डॉलर तक पहुंचा
वहीं उन्होंने कहा कि स्थानीय आर्थिक गतिविधियां मजबूत स्थिति में दिख रही हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में विकास दर 7.3 फीसदी है। चालू वित्त वर्ष में भी गति पिछले वित्त वर्ष की तरह ही रहने की उम्मीद है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो सभी विदेशी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
छठी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
इससे पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी दी है। समिति द्वारा नीतिगत दरों को स्थिर रखा गया है। पहले उम्मीद की जा रही थी कि रेपो रेट को लगातार छठी बार 6.5 पर स्थिर रखा गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई कम हो रही है जो अच्छा संकेत है।
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