Prasanna Shankar Divorce: अमेरिका की प्रमुख एचआर टेक कंपनी रिपलिंग के सह-संस्थापक और 10 बिलियन डॉलर के मालिक प्रसन्ना शंकर ने अपने तलाक और बच्चे की हिरासत को लेकर चल रहे विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर चौंकाने वाला खुलासा किया है। शंकर ने अपनी अलग रह रही पत्नी दिव्या शशिधर और चेन्नई पुलिस पर गंभीर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने नौ वर्षीय बेटे अमर के साथ तमिलनाडु से बाहर छिपे हुए हैं। उनका दावा है कि पुलिस उन पर बेबुनियाद आरोप लगाकर अवैध रूप से उनका पीछा कर रही है। यह खुलासा 23 मार्च, 2025 को एक्स पर पोस्ट किए गए उनके एक वायरल थ्रेड के माध्यम से हुआ।
तलाक और बेवफाई के आरोप
चेन्नई के रहने वाले और एनआईटी त्रिची के पूर्व छात्र Prasanna Shankar ने भारत में कोडिंग में शीर्ष स्थान हासिल करने के बाद अमेरिका में रिपलिंग जैसी विशाल कंपनी खड़ी की। कॉलेज के दिनों में ही दिव्या से उनकी मुलाकात हुई और दोनों ने शादी कर ली। नौ साल पहले उनके बेटे अमर का जन्म हुआ। लेकिन शादी में तनाव तब पैदा हुआ जब शंकर ने दिव्या पर अनूप कुट्टीशंकरन नाम के व्यक्ति के साथ छह महीने पुराने कथित संबंध का आरोप लगाया।
My name is Prasanna, who previously founded Rippling (worth $10B); I'm going through a divorce. I'm now on the run from the Chennai police hiding outside of Tamil Nadu. This is my story.
— Prasanna S (@myprasanna) March 23, 2025
Prasanna Shankar ने बेवफाई के सबूत के तौर पर दिव्या और अनूप के बीच संदेशों और होटल बुकिंग्स के स्क्रीनशॉट साझा किए, जो अनूप की पत्नी ने उन्हें उपलब्ध कराए थे। जब तलाक की प्रक्रिया शुरू हुई, तो शंकर ने दावा किया कि दिव्या ने एक बड़े वित्तीय समझौते की मांग की। बातचीत असफल होने पर दिव्या ने शंकर के खिलाफ घरेलू हिंसा, बलात्कार और निजी वीडियो प्रसारित करने जैसे आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। शंकर के अनुसार, सिंगापुर पुलिस ने इन आरोपों की जांच कर उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय कानूनी लड़ाई और हिरासत विवाद
Prasanna Shankar ने भारत में तलाक के लिए अर्जी दी जबकि दिव्या ने अमेरिका में वित्तीय समझौते की अर्जी लगाई। शंकर का दावा है कि दिव्या ने अपने बेटे को अमेरिका में अगवा करने की कोशिश की, जिसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाल अपहरण का मामला दर्ज कराया। अमेरिकी अदालत ने शंकर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बच्चे को भारत वापस भेजने का आदेश दिया। इसके बाद दोनों ने 50-50 हिरासत पर सहमति जताते हुए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसमें शंकर ने दिव्या को ₹9 करोड़ और ₹4.3 लाख मासिक भुगतान देने का वादा किया।
हालांकि, शंकर का कहना है कि दिव्या ने समझौते का उल्लंघन करते हुए अमर का पासपोर्ट साझा लॉकर में जमा करने से इनकार कर दिया। इस कारण उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
पुलिस उत्पीड़न और कानूनी संघर्ष
शंकर ने बताया कि जब उन्होंने अपने बेटे को एक होटल में दिव्या से मिलने से रोका तो दिव्या ने उन पर अपहरण का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। गिरफ्तारी के डर से शंकर अपने बेटे के साथ छिप गए। उन्होंने आरोप लगाया कि चेन्नई पुलिस उनके फोन, कार, यूपीआई ट्रांजैक्शन्स और आईपी पते को अवैध रूप से ट्रैक कर रही है।
इसके अलावा, शंकर ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके दोस्त गोकुल को बिना एफआईआर के हिरासत में लेकर उस पर शंकर का ठिकाना बताने का दबाव बनाया।
न्याय की गुहार
शंकर ने 24 मार्च, 2025 को अदालत में “उत्पीड़न न करें” याचिका दायर करने की योजना बनाई है। यह विवाद भारतीय कानून व्यवस्था में हाई-प्रोफाइल तलाक और हिरासत मामलों की जटिलताओं की ओर ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर भी बवाल मचा दिया है, जहां लोग शंकर की कहानी को लेकर मिलेजुले विचार व्यक्त कर रहे हैं।